उत्तराखंड सरकार ने अवैध मदरसों और मजारों के खिलाफ अपने अभियान को होली के पहले तेज कर दिया है। इस कदम के तहत हरिद्वार और अन्य इलाकों में प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे अवैध कब्जेदारों में हड़कंप मच गया है। खासतौर पर हरिद्वार जिले में सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी अवैध मजार के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है और 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है। यदि नोटिस का उचित जवाब नहीं मिला तो बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया जाएगा।
सिंचाई विभाग की सख्त कार्रवाई
हरिद्वार के सुमन नगर इलाके में सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी एक अवैध मजार को लेकर विवाद सामने आया है। विभाग ने पहले ही कई महीने पहले नोटिस जारी किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। हिंदू संगठनो का कहना है कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कार्रवाई में लापरवाही बरती जा रही है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार के उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह ने बताया कि मजार के वैध दस्तावेजों की जांच के बाद प्रशासन ने अवैध निर्माण को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही स्थानीय जनता सरकार से जवाब मांग रही है कि इस तरह के अवैध कब्जों को कब तक नजरअंदाज किया जाएगा।
अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई जारी
उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ सरकार का अभियान भी लगातार जारी है। अब तक राज्य में 52 अवैध मदरसे सील किए जा चुके हैं। खासतौर पर पछवादून क्षेत्र में प्रशासन ने चिन्हित अवैध मदरसों पर कार्रवाई की है। सहसपुर क्षेत्र में मंगलवार को प्रशासन ने 12 मदरसों को सील किया, क्योंकि ये मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन और अन्य खामियों के चलते गैरकानूनी पाए गए थे। इस कार्रवाई में एसडीएम विकासनगर के नेतृत्व में तहसील प्रशासन, शिक्षा विभाग, अल्पसंख्यक विभाग, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण और भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था।
सहसपुर क्षेत्र के केदारावाला गांव से शुरू की गई इस कार्रवाई में जससोवाला, रामपुर और हसनपुर जैसे क्षेत्रों में भी अवैध मदरसों को सील किया गया। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई अवैध मदरसों के खिलाफ चल रही व्यापक जांच का हिस्सा है। इन मदरसों में न तो सरकार से रजिस्ट्रेशन कराया गया था और न ही अन्य आवश्यक कानूनी दस्तावेज उपलब्ध थे, जिससे प्रशासन को यह कदम उठाना पड़ा।
उत्तराखंड सरकार ने अवैध कब्जों की बढ़ती समस्या और प्रशासन की लापरवाही के कारण कार्रवाई तेज कर दी है। सिंचाई विभाग द्वारा हरिद्वार में अवैध मजार को हटाने के आदेश दिए गए हैं, जबकि अवैध मदरसों के खिलाफ भी राज्यभर में कार्रवाई हो रही है।