उत्तराखंड के माणा में बर्फीले तूफान के बाद हुए हिमस्खलन के बाद भारतीय सेना के इबेक्स ब्रिगेड द्वारा बचाव कार्य 24 घंटे से ज्यादा समय से जारी है। इस ऑपरेशन में असम रेजिमेंट और गढ़वाल स्काउट्स के 150 से अधिक जवान शामिल हैं, जो बर्फबारी और अत्यधिक खराब मौसम का सामना करते हुए इस मिशन पर जुटे हैं।
आज 15 को बचाया गया
भूस्खलन के दौरान 57 मजदूरों के फंसे होने का संदेह था। अब तक 50 मजदूरों को बचा लिया गया है या वे सुरक्षित पाए गए हैं। आज 16 मजदूरों को बचाया गया है, जिसमें से 4 मजदूरों की इलाज के दौरान मौत हो गई है। बाकी 5 मजदूरों के बचाव का कार्य अभी भी जारी है।
तकनीकी सहायता और हैलिकॉप्टरों का इस्तेमाल
सेना के जवानों के अलावा, बचाव कार्य में इंजीनियरिंग उपकरण, बर्फीली परिस्थितियों में काम करने वाले राडार और हैलिकॉप्टरों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। माणा से जोशीमठ तक की यात्रा में भारतीय सेना के चिकित्सा दल ने जीवन रक्षक सर्जरी भी की हैं। इसके अलावा, जोशीमठ हेलिपैड से आठ हेलिकॉप्टरों का संचालन किया जा रहा है।
19 लोगों को जोशीमठ पहुंचाया गया
अब तक कुल 19 लोगों को माणा से जोशीमठ सुरक्षित स्थानांतरित किया जा चुका है। इस अभियान की निगरानी के लिए भारतीय सेना के केंद्रीय कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, उत्तर भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग और बॉर्डर रोड्स के निदेशक जनरल सहित उच्च अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं।
बचाव कार्य में हर संभव प्रयास जारी
सेना के जवानों द्वारा किए जा रहे इस साहसिक प्रयास से माणा के मजदूरों को बचाने की उम्मीद जगी हुई है, और हर एक मिनट में नए प्रयासों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।