इनपुट-अंशुमान दुबे, लखनऊ
आज कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार द्वारा राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा राजस्व न्यायलयो में लंबित वादों की गहन समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया कि तहसील मलिहाबाद में 5 वर्ष से ऊपर के और 3 वर्ष के ऊपर के शत प्रतिशत वादों का निस्तारण सुनिश्चित कराया जा चुका है। साथ ही 1 वर्ष से ऊपर के मात्र 26 बाद लंबित है जो कि समय सीमा के अंदर है।
उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा धारा 24 और धारा 80 के वादों को समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया कि सभी तहसीलों में दोनों धाराओं के वादों के 5 वर्ष से ऊपर के और 3 वर्ष के ऊपर के शत प्रतिशत वादों का निस्तारण सुनिश्चित कराया जा चुका है। सभी तहसीलों में 5 वर्ष से अधिक के वाद लगभग निस्तारित हो चुके है। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि इस माह के अंत तक यदि किसी भी न्यायलय में कोई भी वाद बियांड टाइम पाया जाएगा तो सम्बन्धित के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा तहसीलदार न्यायालय में 5 वर्ष और 3 वर्ष से अधिक के लंबित वादों की भी समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया कि तहसील सदर में 5 वर्ष से ऊपर के 0 वाद और 3 वर्ष से ऊपर के 11 वाद लंबित है, मलिहाबाद में 5 वर्ष से ऊपर के 0 वाद और 3 वर्ष से ऊपर के 4 वाद लंबित है, मोहनलालगंज में 5 वर्ष के ऊपर के केवल 2 वाद और 3 वर्ष से अधिक के 3 वाद लंबित है, बक्शी का तालाब में 5 वर्ष से ऊपर के 0 वाद और 3 वर्ष से ऊपर के 4 वाद लंबित है तथा सरोजनीनगर में 5 वर्ष से ऊपर के 5 वाद और 3 वर्ष के ऊपर के 62 वाद लंबित है।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए की विवादों से बचने और न्यायलय कार्यों में सुचिता लाने के उद्देश्य से वादों
को दायर किए जाने के समय सभी पक्षकारों के पते और उनके मोबाईल नंबर भी अंकित कराए जाए। विशेष कर धारा 24 के प्रारंभिक आदेश में भी पक्षकारों के पते और मोबाईल नंबर अंकित कराए जाए और पैमाईश पर जाते समय नोटिस के माध्यम और फोन के माध्यम से भी सभी पक्षकारों को पैमाईश की सूचना उपलब्ध कराई जाए। साथ ही निर्देश दिया कि धारा 24 और धारा 34 के वादों में आमजन की सुविधा के लिए SOP तैयार किया जाएं। धारा 24 के SOP के लिए SDM सदर और धारा 34 के SOP के लिए तहसीलदार मोहनलालगंज को तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा आय, जाति, निवास और हैसियत प्रमाण पत्र की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया की आय, जाति, निवास और हैसियत प्रमाण पत्र वरीयता से बनाए जाए। यदि मैनपावर की आवश्यकता है तो मैनपावर की मांग करते हुए उक्त प्रमाण पत्रों को वरीयता से जारी किया जाए। उक्त बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, समस्त उप ज़िलाधिकारी, समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट, समस्त तहसीलदार व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।