शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर अमृतसर स्थित श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में हमलावर द्वारा गोली चलाने की कोशिश की गई। हमलावर का नाम नारायण सिंह चौड़ा है, जो बब्बर खालसा संगठन से जुड़ा हुआ है और चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल ब्रेक कांड का मुख्य आरोपी भी है।
पाकिस्तान से असलहा तस्करी का आरोप
नारायण सिंह चौड़ा पर पाकिस्तान से हथियारों की बड़ी खेप लाने का भी आरोप है। उस पर करीब एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। पाकिस्तान में रहकर उसने गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी, जो उसकी आतंकवादी गतिविधियों को दर्शाता है।
बुडै़ल जेल ब्रेक में शामिल था चौड़ा
नारायण सिंह चौड़ा पर यह आरोप है कि 2004 में बुड़ैल जेल से चार खालिस्तानी आतंकवादियों के फरार होने में उसने मदद की थी। ये कैदी 94 फुट लंबी सुरंग खोदकर जेल से बाहर निकलने में सफल रहे थे, हालांकि बाद में कोर्ट ने उन आरोपियों को बरी कर दिया था। चौड़ा पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत लंबा वक्त जेल में बिताने के बाद जमानत पर रिहा हुआ था।
पिछले मामलों में गिरफ्तारियों का इतिहास
नारायण सिंह चौड़ा को अमृतसर सेंट्रल जेल में पांच साल की सजा मिली थी। उसे 28 फरवरी, 2013 को तरन तारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मोहाली जिले के कुराली गांव में एक ठिकाने पर छापा मारा और हथियारों तथा गोला-बारूद का बड़ा जखीरा बरामद किया था।
हथियारों की तस्करी में भूमिका
चौड़ा 1984 में पाकिस्तान चला गया था और उसने खालिस्तानी आंदोलन के शुरुआती दौर में पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, अमृतसर के सिविल लाइंस थाने में उसके खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत केस दर्ज हैं।
पुलिस की सतर्कता से बड़ा हादसा टला
सुखबीर सिंह बादल के पास सुबह करीब 9:30 बजे पहुंचते ही नारायण सिंह चौड़ा ने पिस्तौल का मुंह उनकी तरफ कर दिया। इस दौरान, पुलिस की टास्क फोर्स के एक कर्मी ने उसे देखा और तत्काल उसे रोकने की कोशिश की। इस संघर्ष के दौरान गोली मिसफायर हो गई। पुलिस ने हमलावर को तुरंत अपनी गिरफ्त में ले लिया, जिससे बड़ा हादसा टल गया।