भारत और अमेरिका के बीच चौथा त्रि-सेवा मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) सैन्य अभ्यास 'टाइगर ट्रायम्फ - 25' 1 अप्रैल से 13 अप्रैल 2025 तक भारत के पूर्वी समुद्री तट पर आयोजित किया जाएगा। इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच मानवीय सहायता और आपदा प्रबंधन अभियानों के लिए पारस्परिक तालमेल को विकसित करना और संकट की स्थिति में समन्वय को मजबूत करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) को तैयार करना है।
भारतीय और अमेरिकी सेनाओं की भागीदारी
इस सैन्य अभ्यास में भारतीय नौसेना की ओर से आईएनएस जलाश्वा, आईएनएस घड़ियाल, आईएनएस मुंबई और आईएनएस शक्ति हिस्सा लेंगे, जिनमें हेलीकॉप्टर और लैंडिंग क्राफ्ट्स तैनात होंगे। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना के पी-8आई लॉन्ग रेंज मेरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट, सी-130 विमान और एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी इसमें शामिल रहेंगे। भारतीय सेना की 91 इंफैंट्री ब्रिगेड और 12 मैकेनाइज्ड इंफैंट्री बटालियन के सैनिक भी इस अभ्यास में भाग लेंगे। वहीं, अमेरिका की ओर से यूएस नेवी के युद्धपोत यूएसएस कॉमस्टॉक और यूएसएस राल्फ जॉनसन के साथ-साथ अमेरिकी मरीन डिवीजन के सैनिक इस अभ्यास का हिस्सा बनेंगे।
विशाखापट्टनम में बंदरगाह चरण की शुरुआत
इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का प्रारंभिक चरण 1 अप्रैल से 7 अप्रैल 2025 तक विशाखापट्टनम में बंदरगाह चरण के रूप में आयोजित किया जाएगा। इस दौरान 1 अप्रैल को आईएनएस जलाश्वा पर एक भव्य उद्घाटन समारोह, संयुक्त ध्वज परेड और मीडिया वार्ता का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा, दोनों देशों के सैन्य अधिकारी प्रशिक्षण दौरों, विषय विशेषज्ञों के बीच विचार-विमर्श, खेल प्रतियोगिताओं और सामाजिक मेलजोल कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
समुद्री और मानवीय सहायता अभियान
बंदरगाह चरण की समाप्ति के बाद, दोनों देशों के युद्धपोत और सैनिक समुद्री अभियान के लिए रवाना होंगे और काकीनाडा के तट पर समुद्री, उभयचर और HADR ऑपरेशन को अंजाम देंगे। इस दौरान भारतीय सेना और अमेरिकी मरीन के संयुक्त समन्वय केंद्र (CCC) की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही, भारतीय वायुसेना की रैपिड एक्शन मेडिकल टीम (RAMT) और अमेरिकी नौसेना की मेडिकल टीम मिलकर एक संयुक्त चिकित्सा शिविर भी लगाएंगी, जहां जरूरतमंदों को चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी।
समापन समारोह 13 अप्रैल को
इस अभ्यास का समापन समारोह 13 अप्रैल 2025 को अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस कॉमस्टॉक पर आयोजित किया जाएगा। यह अभ्यास भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को और अधिक मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा और आपदा प्रबंधन अभियानों में दोनों देशों की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाएगा।