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सच्चे गुरुओं द्वारा पाठ हो जो समाज को फिर से श्रीराम, श्रीकृष्ण व अभिमन्यु दें और गुरु शिष्य का वो पावन संबन्ध फिर से पुनर्जीवित हो सके