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निजीकरण के बजाय कार्य में आ रही दिक्कतों को दूर किए जाने की आवश्यकता है। उपभोक्ता सेवा में इसी व्यवस्था में रहकर छोटे छोटे प्रयासों से बड़ा परिवर्तन किया जा सकता है ।