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प्रस्ताव में कहा गया है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 का घोर उल्लंघन करते हुए पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन इन निगमों को बेचने की जिस जल्दी में है, उससे लगता है कि कोई बड़ी डील हो गई है।