सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे
इतिहास पर गौर किया जाय तो ये पाया जाएगा कि 17 वीं शताब्दी के अन्त में दक्षिण भारत का अधिकांश भाग अर्काट के नवाब के अधीन था।