नेपाल में चल रहे 18वें भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य अभ्यास, "सूर्य किरण" में भारतीय और नेपाली सेनाओं के बीच मजबूत साझेदारी को प्रदर्शित किया जा रहा है। यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच सर्वोत्तम अभ्यासों का आदान-प्रदान करने और कौशल को निखारने का एक प्रमुख मंच है, जिसमें मुख्य ध्यान आतंकवाद निरोध और चुनौतीपूर्ण इलाकों में संचालन पर है।
कड़ा सैन्य प्रशिक्षण
इस अभ्यास में सैनिकों को कड़ी युद्धाभ्यासों में भाग लेते देखा जा रहा है, जिनमें जंगल में जीवित रहने, युद्ध चिकित्सा, घातक हमले की रणनीतियाँ और हेलिबॉर्न ऑपरेशंस शामिल हैं। इन अभ्यासों से सैनिकों की प्रतिक्रिया क्षमता को तेज किया जा रहा है ताकि वे किसी भी खतरे का शीघ्रता से सामना कर सकें। इसके साथ ही शहरी युद्धाभ्यास भी किया जा रहा है, जिसमें नजदीकी लड़ाई और कमरे को साफ करने की तकनीकें शामिल हैं, जो आधुनिक युद्धक्षेत्रों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
शारीरिक और मानसिक मजबूती पर जोर
सैनिकों की शारीरिक फिटनेस और मानसिक मजबूती को बढ़ाने के लिए टीम खेल और योग सत्रों का आयोजन किया जा रहा है। इन गतिविधियों से सैनिकों के बीच भाईचारे की भावना को प्रोत्साहन मिलता है, साथ ही उनका मानसिक फोकस भी मजबूत होता है। इसके अलावा, लेन प्रशिक्षण के माध्यम से वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में सामरिक निर्णय लेने और सहनशीलता की परीक्षा ली जा रही है।
सैन्य विशेषज्ञता और सहयोग का प्रतीक
सूर्य किरण के 18वें संस्करण ने भारतीय और नेपाली सेनाओं के बीच सैन्य विशेषज्ञता और सहयोग को और भी प्रगाढ़ किया है। यह अभ्यास शांति और सहयोग की दिशा में दोनों देशों के सामरिक रिश्तों को मजबूत करता है, जिसमें दोनों सेनाएं एकजुट होकर अपने उद्देश्यों की ओर बढ़ रही हैं।