5 जनवरी : जयंती क्रांतिकारी बारीन्द्र कुमार घोष जी... 10 वर्षों तक अंडमान की जेल में घोर यातना सही और हर यातना के बाद मुंह से निकलता था "वंदेमातरम्"
भारत की स्वतंत्रता के बाद भी लगभग बारीन्द्र जी 8 वर्ष जीवित रहे , फिर उन्हें क्यों नहीं मिला वो सम्मान और उनके अंतिम यात्रा में क्यों नहीं शामिल हुए वो तमाम जिनके अनुसार उन्होंने इस देश के लिए तमाम त्याग किये हैं. बारीन्द्र कुमार घोष जी अमर रहें.