सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे
सरकार के अंतर्गत काम करने वाली संस्था प्रेस इंफॉर्मेंशन ब्यूरो की फैक्ट चेक इकाई ने कहा है कि वायरल हो रही चिट्ठी फर्जी है.