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यह संयोग है कि यह महाविद्यालय पहले गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध था। जब गोरखपुर में 1956-57 में विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही थी तब गोरक्षनाथ पीठ ने अपने दो महाविद्यालय देकर विश्वविद्यालय की स्थापना किया था।