दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में रहने वाले मोहम्मद नौशाद अनवर शाहिद और उनके साथियों ने पिछले साल 10 दिसंबर को दिल्ली पुलिस को एक पत्र भेजा था, जिसमें बांग्लादेशियों की अवैध तरीके से दिल्ली में रहने की जानकारी दी गई थी। इसके बाद दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने इस पत्र को संज्ञान में लेते हुए दिल्ली पुलिस को त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान की शुरुआत
दिल्ली पुलिस ने इस दिशा में तेजी से कदम उठाया और पहले बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने वाले एक विशेष सेल को सक्रिय किया। इसके अलावा, दिल्ली के विभिन्न जिलों, खासकर दक्षिणी और उत्तरी दिल्ली के इलाकों में पुलिस ने अभियान की शुरुआत की। सख्त निर्देश थे कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को रोका जाए, उनके दस्तावेजों की जांच की जाए, और यदि कोई व्यक्ति संदिग्ध पाया जाए तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।
500 संदिग्धों की जांच, 100 गिरफ्तारी
पिछले एक महीने में दिल्ली पुलिस ने लगभग 500 संदिग्ध व्यक्तियों के दस्तावेजों की जांच की। इसके परिणामस्वरूप 100 अवैध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया है। इन्हें तत्काल एफआरआरओ (फॉरेनर्स रेजिडेंट रजिस्ट्रेशन ऑफिस) के हवाले कर दिया गया, जहां से अधिकांश को या तो डिपोर्ट कर दिया गया है, या डिपोर्ट की कार्रवाई चल रही है।
अवैध घुसपैठ के लिए तीन नेटवर्क का भंडाफोड़
दिल्ली पुलिस ने इस अभियान के दौरान तीन महत्वपूर्ण नेटवर्कों का भंडाफोड़ किया है, जो अवैध बांग्लादेशियों को भारत में प्रवेश दिलाने और उन्हें यहां बसाने का काम कर रहे थे। इनमें से एक नेटवर्क बांग्लादेश से सीधे जुड़ा हुआ था। पुलिस ने इस गैंग के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल हैं।
घुसपैठियों को बसाने वाला गिरफ्तार
इस अभियान में एक प्रमुख आरोपी अनीश शेख भी गिरफ्तार किया गया है, जो पिछले 15 वर्षों से अवैध रूप से भारत में घुसपैठ कर दिल्ली में बस चुका था। अनीश शेख इस सिंडिकेट का सक्रिय सदस्य था और घुसपैठियों को दिल्ली में बसाने का काम कर रहा था। पुलिस ने अनीश की पत्नी सपना और उसके साथी अमीनुर इस्लाम को भी गिरफ्तार किया है।
बांग्लादेशी सिंडिकेट का कामकाजी तरीका
पुलिस के अनुसार, इस सिंडिकेट के दो तरीके से काम करने की जानकारी मिली है। बांग्लादेश का मॉड्यूल उन लोगों से संपर्क करता था जो अवैध रूप से भारत आना चाहते थे, और उनसे कमीशन लेकर उन्हें बॉर्डर पार कराकर दिल्ली में बसाने का काम करता था। इस तरीके से बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में अवैध रूप से प्रवेश दिलवाने का धंधा चलाया जा रहा था।