छत्तीसगढ़ के चांपा शहर में हनुमान जयंती के मौके पर सनातन धर्म पर एक और वार करने की नापाक कोशिश नाकाम कर दी गई। धर्मांतरण की घिनौनी साजिश बेनकाब करते हुए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बड़ी चालबाजी पकड़ी है।
चांपा में शनिवार (12 अप्रैल 2025) को बीडीएम अस्पताल चौक के पास एक तीन मंजिला इमारत में प्रार्थना सभा के नाम पर धर्मांतरण का घिनौना खेल खेला जा रहा था। जैसे ही खबर फैली, बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचित किया।
प्रार्थना के बहाने चल रही थी धर्मांतरण की दुकान!
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, सभा के नाम पर धीरे-धीरे भीड़ जुटाई जा रही थी। महिला, पुरुष और बच्चे-सभी को चमत्कारिक इलाज और बीमारी से मुक्ति के झूठे वादों के जाल में फंसाया जा रहा था। लेकिन जैसे ही राष्ट्रभक्त युवाओं को भनक लगी, उन्होंने मौके पर पहुंचकर पोल खोल दी।
पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां से धर्मांतरण से जुड़े दस्तावेज, किताबें और भ्रामक पोस्टर बरामद किए गए। आयोजकों ने खुलेआम दावा किया कि "प्रार्थना से बीमारियां ठीक होंगी", लेकिन असली मंशा तो कुछ और ही थी!
साजिशकर्ता गिरफ्तार
चांपा पुलिस ने तेजी दिखाते हुए चार साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। इन पर भारतीय न्याय संहिता की धार्मिक उन्माद और जबरन धर्मांतरण के लिए उकसाने वाली धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने साफ कहा है कि किसी भी कीमत पर धार्मिक माहौल बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
हिंदू पर्व के दिन रची गई थी ये साजिश, परिश्रम रंग लाया!
जिस दिन देशभर में हिंदू समाज श्रद्धा और भक्ति में लीन था, उसी दिन धर्मांतरण का यह षड्यंत्र रचा गया था। शुक्र है कि बजरंग दल और पुलिस की सतर्कता ने बड़ी अनहोनी को टाल दिया। पुलिस ने सभा में शामिल ग्रामीणों को सुरक्षित घर भेजा और इलाके में शांति व्यवस्था कायम कर दी। लेकिन बड़ा सवाल यही है- कब तक देश में इस तरह की साजिशें चलती रहेंगी? कब तक हिंदू त्योहारों को निशाना बनाया जाएगा?