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एक मुश्त समाधान योजना की समीक्षा के बहाने बिजली कर्मियों पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही से रोष

इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के प्राविधानों का उल्लंघन कर निजीकरण पर तुले प्रबन्धन द्वारा ध्यानाकर्षण कार्यक्रम से क्षुब्ध होकर वृहद स्तर पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियाँ कर रहा है जिससे बिजली कर्मचारियों में काफी रोष व्याप्त हो गया है।

Rajat Mishra
  • Dec 24 2024 9:21PM

इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ

       
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने कहा है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा एक मुश्त समाधान योजना की समीक्षा के नाम पर बिजली कर्मचारियों पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही कर डर का वातावरण बनाया जा रहा है। इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के प्राविधानों का उल्लंघन कर निजीकरण पर तुले प्रबन्धन द्वारा ध्यानाकर्षण कार्यक्रम से क्षुब्ध होकर वृहद स्तर पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियाँ कर रहा है जिससे बिजली कर्मचारियों में काफी रोष व्याप्त हो गया है।
 
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि संघर्ष समिति के आह्वाहन पर बिजली कर्मचारियों प्रदेश के सभी जनपदों में उपभोक्ताओं के लिए शुरू की गई एक मुश्त समाधान योजना की सफलता हेतु पूरे मनोयोग से प्रयास कर रहे है जबकि प्रबन्धन द्वारा इस प्रकार की कार्यवाहियों से बिजली कर्मचारियों के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय,सुहैल आबिद, पी.के.दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो0 इलियास, श्री चन्द, सरयू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय एवं विशम्भर सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम निजीकरण के विरोध में कार्यालय समय के उपरांत किये जा रहे शांतिपूर्ण कार्यक्रमों से ऊर्जा प्रबन्धन क्षुब्ध है और भय का वातावरण बनाने के लिए अकारण वृहद स्तर पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही कर रहा है जिससे एक मुश्त समाधान योजना के सफलता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने और राजस्व वसूली प्रभावित होने की पूरी संभावना है जबकि सभी बिजली कर्मियों द्वारा योजना को सफल बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। 
     
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा इस प्रकार की कार्यवाहियाँ उपभोक्ता सेवा को प्रभावित करने और पॉवर कॉर्पोरशन की परफॉर्मेंस को खराब करने के उद्देश्य से किया जाना प्रतीत होता है जो कि किसी भी प्रकार से स्वीकार नहीं है।प्रबन्धन को निजीकरण की इतनी जल्दी है कि एक मुश्त समाधान योजना को कैसे सफल बनाया जाए इस पर विचार विमर्श करने की बजाय सिर्फ डर का वातावरण बनाने का ही पूरा प्रयास किया जा रहा है। संघर्ष समिति गोरखपुर, झांसी और प्रयागराज में होने वाली बिजली पंचायत में प्रबंधन द्वारा किए जा रहे सभी घोटालों को उजागर करेंगे। 
 
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने पुनः कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा विश्वास है। बिजली कर्मी उनके कुशल नेतृत्व में लगातार बिजली व्यवस्था सुधार में लगे हुए हैं और निजीकरण का निर्णय निरस्त किया जाये तो पूरी निष्ठा से प्रयास कर एक मुश्त समाधान योजना को सफल बनाने में पूर्ण मनोयोग से जुटे रह सके।

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