पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ उबाल फूट पड़ा। आज (8 अप्रैल 2025) गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से दो-दो हाथ कर डाले। हालात बेकाबू होते देख पुलिस की गाड़ियां फूंक दी गईं, सड़कें जाम कर दी गईं और शहर को जंग का मैदान बना दिया गया। शुरुआत में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को एक तय जगह पर रुकने की हिदायत दी थी, लेकिन मुस्लिमों की उन्मादी भीड़ ने अपनी ताकत दिखाई और बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ गई।
आंसू गैस भीड़ को रोक न सकी, पुलिस पर बरसा कहर
कानून विरोधी भीड़ को बेकाबू देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन प्रदर्शनकारियों के हौसले और भड़क उठे। कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। हालात इतने खराब हो गए कि अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर बुलाना पड़ा। वीडियो में साफ दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी लाठी-डंडों से लैस होकर पुलिस पर हमला कर रहे थे।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन से हिंसक तांडव तक का सफर
यह प्रदर्शन पहले से ही तय था, लेकिन भीड़ का गुस्सा इतना उबल पड़ा कि पूरा इलाका दहशत में आ गया। पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद बेकाबू भीड़ ने तांडव मचा दिया। सड़कों पर आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा के दृश्य आम हो गए।
BJP ने ममता सरकार को घेरा, लगाया तुष्टिकरण का आरोप
घटना के बाद बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आग उगलते हुए कहा, “बंगाल फिर हिंसा की आग में झुलस रहा है। ममता बनर्जी के तुष्टिकरण की नीति ने राज्य को बांग्लादेश के रास्ते पर धकेल दिया है। पुलिस हिंसक इस्लामी भीड़ को रोकने में नाकाम हो रही है। ये वही इलाका है, जहां हिंदू त्योहारों पर बार-बार हमले हो रहे हैं।”
मालवीय ने ममता बनर्जी पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके भड़काऊ भाषणों ने माहौल को और बिगाड़ दिया है। बीजेपी का आरोप है कि ममता की सरकार वोटबैंक की राजनीति के चलते बंगाल की शांति को दांव पर लगा रही है।