नई दिल्ली में आज यानी सोमवार को सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज़ (CENJOWS) द्वारा "यूएएस युद्ध, विशेष ध्यान काउंटर-यूएएस पर" विषय पर एक उच्च स्तरीय सेमिनार आयोजित किया गया। इस सेमिनार में रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान ने मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने आधुनिक युद्ध में unmanned aerial systems (UAS) के परिवर्तनकारी प्रभाव पर चर्चा की।
UAS के प्रभाव और भविष्य की चुनौतियां
जनरल चौहान ने यूएएस के उपयोग के प्रमुख ट्रेंड्स को उजागर किया, जिनमें तेज गति, रोबोटिक्स में प्रगति और ए.आई.- आधारित इंटेलिजेंस शामिल हैं। इन तकनीकों का लाभ उठाकर यूएएस आधुनिक युद्ध में अत्यधिक प्रभावी और व्यवधानकारी हो गए हैं। जनरल चौहान ने यह भी कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को यूएएस, ड्रोन और बिना पायलट प्रणालियों (Uncrewed Systems) के लिए एक सामान्य शब्दावली और व्याकरण विकसित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यूएएस के वर्गीकरण पर doctrinal स्पष्टता पर जोर दिया और इसके चार पीढ़ियों के बारे में विस्तार से बताया।
काउंटर-UAS सिस्टम का महत्व
CDS जनरल अनिल चौहान ने काउंटर-यूएएस सिस्टम के समग्र विकास की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने इस क्षेत्र में भारत की स्वदेशी तकनीकी क्षमता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि देश भविष्य में आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली विकसित कर सके।
मुख्य उपलब्धियां
• भारत की यूएएस और काउंटर-यूएएस तकनीकी प्रगति: सेमिनार में भारत की ड्रोन युद्ध में प्रगति और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के तहत स्वदेशी विकास पर जोर दिया गया।
• ड्रोन युद्ध पर रणनीतिक संवाद: विशेषज्ञों ने भारत की ड्रोन आवश्यकताओं, ड्रोन युद्ध में ए.आई. के एकीकरण और वैश्विक संघर्षों से महत्वपूर्ण सीखों पर गहन विश्लेषण प्रदान किया।
• सीमा सुरक्षा को सशक्त बनाना: सेमिनार में भारत के उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं और भारतीय महासागर क्षेत्र (IOR) में ड्रोन खतरों की बढ़ती घटनाओं पर चर्चा की गई, साथ ही उन्नत डिटेक्शन और न्यूट्रलाइजेशन सिस्टम की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया।
• सैन्य और उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा: प्रमुख रक्षा उद्योग प्रतिनिधियों जैसे कि JSW UAV Ltd, महिंद्रा डिफेंस, अदानी डिफेंस सिस्टम्स, केपलर एयरोस्पेस, और श्याम VNL Pvt Ltd ने काउंटर-यूएएस युद्ध के लिए अत्याधुनिक समाधानों का प्रदर्शन किया।
• काउंटर-UAS रणनीति के लिए नीति सिफारिशें: सेमिनार ने ड्रोन खतरों से निपटने के लिए "सम्पूर्ण राष्ट्र" दृष्टिकोण पर उच्च स्तरीय चर्चा की, जिसमें कानूनी ढांचे, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में प्रगति और मल्टी-डोमेन बिना पायलट प्रणालियों का समावेश था।
उच्च स्तर के सैन्य और रणनीतिक नेताओं की भागीदारी
सेमिनार में उपस्थित प्रमुख सैन्य और रणनीतिक नेताओं में लेफ्टिनेंट जनरल एन.एस. राजा सुब्रमणि, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, एयर मार्शल एस.पी. धारकर, वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ, वाइस एडमिरल तरुण सोबती, डिप्टी चीफ ऑफ नेवल स्टाफ, और लेफ्टिनेंट जनरल विपुल शिंगल, डिप्टी चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ ने विभिन्न चर्चा सत्रों का संचालन किया।
देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तकनीकी और रणनीतिक दृष्टिकोण का एकीकरण
यह सेमिनार भारतीय सशस्त्र बलों, रणनीतिक नीति निर्माताओं, उद्योग के नेताओं और क्षेत्र विशेषज्ञों को एक साथ लाया, ताकि वे बिना पायलट प्रणालियों (UAS) और काउंटर-यूएएस रणनीतियों में नवीनतम प्रगति पर विचार-विमर्श कर सकें। यह सेमिनार यह स्पष्ट करता है कि स्वदेशी तकनीकों को रणनीतिक नीति ढांचे के साथ एकीकृत करना राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
प्रदर्शनी में प्रदर्शित स्वदेशी उन्नत ड्रोन और काउंटर-ड्रोन समाधान
समारोह में एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें ड्रोन और काउंटर-ड्रोन तकनीकों में क्रांतिकारी प्रगति दिखाई गई, जिससे भारत की आधुनिक युद्ध क्षमताओं में भूमिका को सुदृढ़ किया गया। इसमें बीएसएफ, आईटीबीपी, कोस्ट गार्ड और पुलिस जैसी एजेंसियों के सभी प्रमुख स्टेकहोल्डर्स ने भी हिस्सा लिया।