जम्मू और कश्मीर के प्रगवाल युद्ध स्मारक (मोलू) और सुंदरबनी में रविवार को 5वीं बटालियन, राजपूत रेजिमेंट के पूर्व सैनिकों और वर्तमान सैनिकों ने 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध और ऑपरेशन विजय के शहीद सैनिकों की वीरता और बलिदान को याद किया। इस आयोजन में उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।
पूर्व सैनिकों और परिवारों ने अर्पित किया पुष्पांजलि
इस भावुक अवसर की शुरुआत पूर्व सैनिकों, वरिष्ठ सक्रिय अधिकारियों और शहीद सैनिकों के परिवारों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करने से हुई। समारोह में बटालियन के वीरता और संघर्षों पर प्रकाश डाला गया, खासकर उन कठिन लड़ाइयों के दौरान जो नथुआ टिब्बा, सुंदरबनी और प्रगवाल क्षेत्रों में लड़ी गई थीं, जिसमें बटालियन को भारी क्षति उठानी पड़ी थी। पूर्व सैनिकों ने अपने सहकर्मियों की वीरता और संघर्ष की कहानियां साझा की, जबकि वर्तमान सैनिक ध्यानपूर्वक उन महत्वपूर्ण पाठों को सुनते हुए इन मूल्यों को आत्मसात करने का प्रयास कर रहे थे।
राजपूत रेजिमेंट की 5वीं बटालियन का 200वां स्थापना दिवस मनाया गया
समारोह में 5वीं बटालियन, राजपूत रेजिमेंट के 200वें स्थापना दिवस का भी जश्न मनाया गया, जो 1825 में स्थापित हुई थी। पूर्व सैनिकों ने बटालियन की समृद्ध इतिहास और परंपराओं को याद करते हुए बताया कि इन मूल्यों को आगामी पीढ़ियों में बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।
शहीदों की विरासत को संजोने का संकल्प
समारोह का समापन एक संकल्प के साथ हुआ, जिसमें सभी ने शहीदों की वीरता और बलिदान की विरासत को बनाए रखने का वचन लिया। यह आयोजन यह याद दिलाता है कि 1971 में दिखाई गई वीरता भारतीय सेना के लिए हमेशा एक प्रेरणा स्रोत रहेगी।