पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) हमेशा भारत के खिलाफ अपने काले इरादों को अंजाम देने के लिए आतंकवादियों और अपराधियों का सहारा लेती रहती है। हाल ही में, ISI के एक प्रमुख एजेंट मुफ्ती शाह मीर की हत्या से एक बार फिर इसका पर्दाफाश हुआ है।
अज्ञात हमलावरों द्वारा मीर की हत्या
मुफ्ती शाह मीर, जो भारतीय व्यवसायी कुलभूषण जाधव के अपहरण में शामिल था, शुक्रवार रात बलूचिस्तान के तुर्बत में कुछ अज्ञात बंदूकधारियों का शिकार बन गया। हमलावरों ने उसे कई गोलियां मारी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
नमाज के बाद हमलावरों का हमला
रिपोर्ट्स के अनुसार, शाह मीर स्थानीय मस्जिद से नमाज अदा करने के बाद बाहर आ रहा था, तभी बाइक सवार हमलावरों ने घात लगाकर उस पर हमला किया। हमलावरों ने उसे नजदीक से कई गोलियां मारी, जिससे उसकी जान चली गई।
मुफ्ती शाह मीर का आतंकवादी इतिहास
शाह मीर पर कई गंभीर आरोप थे, जिसमें मानव तस्करी और हथियारों की तस्करी शामिल थी। वह इस्लामी कट्टरपंथी संगठन जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम का सदस्य भी था। वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए कई गहरे और खतरनाक मिशनों में शामिल था और बलूचिस्तान में धार्मिक चरमपंथ फैलाने के प्रयासों में भी संलिप्त था।
2016 में कुलभूषण जाधव का अपहरण
मुफ्ती शाह मीर का नाम उस समय सामने आया जब उसने 2016 में भारतीय व्यवसायी कुलभूषण जाधव के अपहरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जाधव को ईरान से पाकिस्तान ले जाया गया था, और मीर ने इस काम में बिचौलिये की भूमिका निभाई थी।
ISI के अंदरूनी संघर्ष में मीर की हत्या का संदेह
कुछ सूत्रों के मुताबिक, मीर की हत्या आईएसआई के अंदरूनी संघर्ष के कारण हो सकती है। यह भी माना जा रहा है कि आईएसआई के भीतर हो रहे विवादों ने मीर की जान ली। इसी इलाके में 2020 में उमर ईरानी और उसके दो बेटों की भी हत्या कर दी गई थी, जो जैश अल-अदल के सदस्य थे।