वक्फ बिल की गहमागहमी के बीच अब देश की राजधानी दिल्ली में लैंड जिहाद का बड़ा मामला सामने आया है। यहाँ एक सरकारी स्कूल की जमीन पर मस्जिद होने का आरोप लगा है। हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता ने इसे अवैध बताते हुए बुलडोजर चलाने की माँग की है। वहीं मुस्लिम पक्ष इस ढाँचे को सही बताते हुए इसमें छेड़खानी न करने की हिदायत दे रहा है।सोमवार (6 अप्रैल 2025) को सुदर्शन न्यूज़ की ग्राउंड रिपोर्ट में देखा गया कि स्कूल परिसर से मस्जिद की मीनारें साफ़ दिखाई देती हैं। यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में है जिस पर जल्द फैसला आने की उम्मीद है।
यह मामला दिल्ली के वज़ीरपुर क्षेत्र का है जिसका पिनकोड 110052 है। यहाँ के जे जे कॉलोनी में एक सरकारी स्कूल है जिसे नगर निगम प्राथमिक बाल बालिका विद्यालय नाम से जाना जाता है। इस स्कूल में आसपास के मध्यम व निचले तबके के परिवारों से आने वाले छात्र-छात्राएँ शिक्षा लेते हैं। पिछले कुछ दिनों से यह स्कूल विवादों के घेरे में आ गया है। हिंदूवादी कार्यकर्ता प्रीत सिरोही ने आरोप लगाया है कि स्कूल की जमीन पर एक अवैध मस्जिद का निर्माण करवाया गया है।
प्रीत सिरोही ने इसकी शिकायत दिल्ली के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी है। उनका आरोप है कि मस्जिद होने की वजह से विद्यालय में मौलवी और मौलाना अपनी मज़हबी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। जुमे के दिन यहाँ नमाज़ होती है जिसमें आसपास के अलावा बाहर से भी नमाज़ी शामिल होते हैं। इस से छात्र-छात्राओं को पढ़ने में काफी असुविधा होती है। डर इसका भी जताया जा रहा है कि कहीं इन मज़हबी गतिविधियों से शिक्षा लेने आए बच्चे भी प्रभाव में न आ जाएँ।
अपनी शिकायत के समर्थन में प्रीत सिरोही ने कई सबूत भी अटैच किए हैं। शिकायत के अंत में प्रीत ने इसे अवैध ढाँचा बताते हुए बुलडोजर एक्शन की माँग की है। सुदर्शन न्यूज़ के एक LIVE शो में भी शिकायतकर्ता ने अपने आरोपों को दोहराया है। वहीं हमारे संवाददाता सूरज सिंह के मुताबिक इस क्षेत्र में सरफराज खान नाम का व्यक्ति मुस्लिमो का एक बड़ा नेता माना जाता है। सूरज ने यहाँ हिन्दू बच्चों को भी मजहबी तालीम देने की आशंका से इंकार नहीं किया है।
प्रीत सिरोही के दावों के उलट मुस्लिम पक्ष पहले मस्जिद और बाद मे स्कूल वाले कुतर्क पर अड़ा है। दूसरे शब्दों मे उनका दावा है कि मस्जिद ने स्कूल नहीं बल्कि स्कूल ने मस्जिद की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है। इन अजीब दावों पर वो तमाम वामपंथी भी चुप हैं जो अयोध्या जैसी पवित्र स्थली पर स्कूल बनाने की माँग उठाया करते थे। फिलहाल यह मामला अभी न्यायिक प्रक्रिया मे है। जल्द ही इस पर स्थानीय अदालत अपना निर्णय सुना सकती है।
इस मामले के खुलासे के बाद अब अरविन्द केजरीवाल की उस पूर्ववर्ती सरकार के तमाम दावों पर सवाल खड़े होने लगे हैं। इन्ही दावों मे वो दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को विश्वस्तरीय बताया करते थे। सुदर्शन न्यूज लैंड जिहाद व अन्य तमाम हिन्दू विरोधी करतूतों की पोल आगे भी खोलता रहेगा।