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मनोज और अदीबा खान का प्रेम-विवाह 9 साल बाद भी स्वीकार नहीं... समाज से जान बचाने को बेटी के साथ दंपति ने ली भाजपा मुख्यालय की शरण

Rajasthan News: नौ साल बाद भी कबूल नहीं हुआ अंतर-धार्मिक विवाह, प्रेम की निशानी लेकर भाजपा के द्वार पहुंचा युगल। ​

Ravi Rohan
  • Sep 1 2024 7:35PM

देश में आज भी रुढ़िवादी सोच और समाज के कुछ ठेकेदारों के कारण अपनी मर्जी से प्रेम-विवाह करने वालों को सुरक्षा के लिए इधर से उधर भटकना पढ़ता है। एक दूसरे से सच्चा प्यार करने वालों को अगर परिवार ही न स्वीकार करे तो फिर वो सुरक्षा के लिए कानून पर भरोसा जताते हैं। मगर शायद ही किसी की किस्मत इतनी अच्छी होती है जब उनके रिश्ते की वजह से उनकी जान बचा ली जाए, वो भी तब जब मामला दो भिन्न समुदाय से संबंधित हो। 

ऐसा ही एक मामला राजस्थान में सामने आया है। डेढ़ साल की छोटी बेटी को गोद में लिए एक दम्पत्ति रोते बिलखते भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर पहुंचा गया। मनोज सैनी और सोनल अदीबा खान ने नम आंखों से, थरथराते होंठों से सूबे की सरकार से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

 इस विवाहित प्रेमी जोड़े ने अपनी डेढ़ साल की छोटी बेटी सहित परिवार की सुरक्षा की चिंता सता रही है। प्रेमी जोड़े का कसूर बस इतना है कि इन्होंने अलग-अलग धर्म और मजहब के होने के बावजूद  प्रेम के वशीभूत हो कर एक दूसरे के साथ जीवनयापन करने के लिए विवाह करने का दुस्साहस किया। कुल नौ साल घर-परिवार से दूर रहने के बाद जब दोनों अपनी बच्ची के साथ वापस अपने परिवार को मना कर उनके साथ रहने आए तो परिजनों के साथ समाज के कुछ ठेकेदार उनके जान के दुश्मन बन गए। आज हालात यह है कि अपनी जान को खतरे में पाकर पुलिस से सहायता ना मिलने के बाद, अब प्रेमी जोड़ा प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर पहुंच कर सुरक्षा की गुहार लगा रहा है।

 युवक मनोज सैनी टोंक जिले का निवासी है। मनोज ने अपने ही मोहल्ले की सोनल से प्रेम कर बैठा था। सोनल खान को भी मनोज अच्छा लगने लगा था। इस प्रेम में दोनों राजी थे, लेकिन दोनों का धर्म इस मिलन में सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ था। इसलिए दोनों ने गुपचुप हिन्दू रीति से विवाह कर लिया। 

सोनल अदीबा खान बताती हैं कि, 11 साल पहले मनोज सैनी के साथ उनका प्रेम हो गया था। धीरे-धीरे दोनों का प्रेम परवान चढ़ा और 9 साल पहले उन्होंने आर्य समाज पद्धति से विवाह कर लिया। तब उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया और उन्हें कहा गया कि, जब तक मामला ठंडा नहीं हो जाता वह शहर से बाहर ही रहें। उसके बाद जब मामला शांत हो जाएगा तो वह अपने घर लौट सकते हैं। लेकिन जब 9 साल बाद वे घर लौटे तो उनके परिवार के लोग ही और कुछ समाज के लोग भी जान के दुश्मन बने हुए हैं। 

पत्नी और पति के साथ मारपीट की गई और अब लगातार जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। जिन लोगों ने उन्हें सुरक्षा की बात कही थी, अब उनके पास जाते हैं तो वह भी सुरक्षा देने से इनकार कर रहे हैं। हालत यह है कि इस परिवार को हर दिन डर के साए में जीना पड़ रहा है। ना पुलिस से सुरक्षा मिल रही है और न ही सरकार से। 

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