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Nag Panchami 2024: हर साल सिर्फ नाग पंचमी को होता है दुर्लभ दर्शन... महाकाल मंदिर के नागचंद्रेश्वर का क्या है रहस्य?

Nagchandreshwar: महाकाल के सानिध्य में वास करते हैं सर्पों के राजा तक्षक, नाग पंचमी पर MP के उज्जैन में होते हैं दिव्य दर्शन।

Ravi Rohan
  • Aug 7 2024 7:13PM
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाया जाता है। तिथि के अनुसार इस बार नाग पंचमी शुक्रवार 9 अगस्त 2024 को पड़ रही है। हिंदू धर्म में नागों की पूजा करने की अद्भुत परंपरा रही है। नाग को भगवान सदाशिव का आभूषण भी माना गया है। भारत में नागदेवता के अनेकों मंदिर हैं मगर उज्जैन में एक मंदिर जिसके कपाट साल में सिर्फ एक बार 24 घंटों के लिए ही खोले जाते हैं। 

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर विश्व विख्यात है। यह एक रहस्यमयी मंदिर होने के साथ-साथ द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसी मंदिर के शिखर के ठीक नीचे नागचंद्रेश्वर मंदिर, जो साल में सिर्फ एक दिन आम लोगों के दर्शन के लिए खुलता है। इसी एक दिन यहां आकर भक्त नाग देवता के दर्शन कर सकते हैं। नागचंद्रेश्वर मंदिर महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है। यह मंदिर साल में केवल एक दिन नाग पंचमी पर ही दर्शनों के लिए खोला जाता है। मंदिर के खुलने का इंतज़ार श्रद्धालु साल भर तक करते हैं। मान्यता के अनुसार, यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो, इस मंदिर में स्थित विग्रह के केवल दर्शन कर लेने मात्र से ही यह दोष समाप्त हो जाता हैं। 

नागचंद्रेश्वर मंदिर का इतिहास

मालवा साम्राज्य के परमार राजा भोज ने 1050 ईस्वी के आस-पास इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इसके पश्चात सिंधिया परिवार के महाराज राणोजी सिंधिया ने 1732 में महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया और नागचंद्रेश्वर भगवान की प्रतिमा को नेपाल से यहां लाकर स्थापित किया था। इस प्रतिमा में भगवान शिव और माता पार्वती, अपने दोनों पुत्रों श्रीगणेश और कार्तिकेय स्वामी समेत विराजमान हैं। प्रतिमा में ऊपर सूर्य और चन्द्रमा भी हैं। इसमें दस मुख वाले सर्प और नाग देवता भी हैं। 

कब खुलेंगे कपाट?

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के ऊपर विराजमान श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट नाग पंचमी के अवसर पर रात 12 बजे खुलेंगे। मंदिर के कपाट खुलते ही भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा की जाएगी। नागपंचमी पर श्री नागचंद्रेश्वर भगवान के पट 8 अगस्त 2024 की मध्यरात्रि 12 बजे खुलेंगे और भगवान के दर्शन 9 अगस्त 2024 को रात्रि 12 बजे तक किया जा सकता है।

कैसे करें दर्शन?

श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए निर्धारित प्रवेश मार्ग: भील समाज धर्मशाला में स्थापित जूता स्टैन्ड पर जूते उतारकर 3 पंक्तियों में से गंगा गार्डन के पास वाले मार्ग से चारधाम मन्दिर पार्किंग जिगजेग, हरसिद्धि चौराहा से रूद्र सागर की दीवार के पास से विक्रम टीला होते हुए, बड़ा गणेश मन्दिर के सामने से गेट नम्बर 4 और 5 के रास्ते मन्दिर में प्रवेश कर विश्रामधाम, एयरो ब्रिज होते हुए श्री नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन करेंगे। दर्शन के बाद एयरो ब्रिज से विश्रामधाम रेम्प, मार्बल गलियारा होते हुए पालकी वाले मार्ग के पास नवनिर्मित मार्ग से प्रीपेड बूथ तिराहा, बड़ा गणेश के सामने से हरसिद्धि चौराहा, हरसिद्धि धर्मशाला के सामने वाले मार्ग से नृसिंह घाट तिराहा होते हुए अपने गन्तव्य तक पहुंच सकेंगे।

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