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नगर निगम ने लखनऊ के गीतापल्ली में अवैध डेरियों पर कसा शिकंजा

लगभग 3 घंटे तक चले सघन अभियान में पूरे वार्ड के अंतर्गत क्षेत्रीय लोगों की मदद से चिन्हित पशुपालकों के घर घर जाकर बिना लाइसेंस के पशुओं को जब्त किया गया

Rajat Mishra
  • Aug 7 2024 7:42PM

इनपुट- संस्कार मिश्रा,लखनऊ

 
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के निर्देशानुसार आज दिंनाक 7-8-24 को जोन 5 थाना कृष्णानागर अंतर्गत गीतापल्ली वार्ड में नगर निगम प्रवर्तन दल, पुलिस बल,तथा कैटल कैचिंग कर्मचारियों के सहयोग से पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा के नेतृत्व में विशेष अभियान चलाया गया।
 
जिसमे मौके पर कुल 24 गाय,2बछिया तथा 1 बछड़े को पकड़कर नगर निगम द्वारा संचालित ठाकुरगंज कांजी हाउस में निरुद्ध किया गया, जिन्हे नियमानुसार कार्यवाही के बाद ही रिहा किया जायेगा | लगभग 3 घंटे तक चले सघन अभियान में पूरे वार्ड के अंतर्गत क्षेत्रीय लोगों की मदद से चिन्हित पशुपालकों के घर घर जाकर बिना लाइसेंस के पशुओं को जब्त किया गया, जिन घरों में केवल1 गाय का पालन किया जा रहा था उनको नगर निगम से लाइसेंस बनवाकर पालने की हिदायत देकर छोड़ा गया अभियान द्वारा पकडे गए पशु अवैध डेरी संचालक रज्जु यादव,श्रीपाल उर्फ़ पाले,शौकत,हनीफ, रईस, आदि के हैँ जिनको उनके द्वारा दूध दुहने के पश्चात छोड़ दिया जाता था।
 
इन पशुओं के द्वारा सडक पर इधर उधर गोबर कर गंदगी की जा रही थीं और इन पशुओं से वार्ड में दहशत थीं। नगर निगम द्वारा अभियान चलता देख कई पशु पालक आपने पशुओं को लेके भागते दिखे । राम सिंह पुत्र विश्वनाथ ने अपने पशु ताले में घर के अंदर बंद कर दिए, ताला तोड़कर कार्यवाही के लिए पुलिस बल ने मना कर दिया जिसके विरुद्ध नगर निगम द्वारा सम्बंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज़ करवाई की जायेगी वित्त मंत्री सुरेश खन्ना जी के क्षेत्र में भ्रमण के दौरान इन अवैध डेरियों पर कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे जिस पर उच्च अधिकारियो के निर्देश पर निरंतर कार्यवाही की जा रही है। अवैध डेरी संचालकों द्वारा पशुओ को खाली प्लॉट पर बाँध कर अतिक्रमण किया गया था,तथा गोबर सडक पर बहाया जा रहा था जिससे मुख्य मार्ग बाधित हो रहा था और आवागमन प्रभावित होने के साथ साथ कई प्रकार की बीमारियों का खतरा बना हुआ था।
 
 उक्त क्षेत्रों से निरंतर गंदगी फैलाने और गोबर नाली में बहाने की शिकायत क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि द्वारा निरंतर प्राप्त हो रही थी,जिससे नालियां चोक हो रही थी तथा कई जनसूचना अधिकार, तथा IGRS के तहत कार्यवाही भी लंबित थी और चेतावनी तथा नोटिस देने के बाद भी डेरी संचालकों द्वारा पशुओं को नहीं हटाया गया था। माननीय उच्च न्यायलय के आदेशानुसार नगर निगम आवासीय क्षेत्रों में डेरी व्यवसाय की अनुमति नहीं है।

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