भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज यानी मंगलवार को बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर देश को जानकारी दी है। राज्यसभा और लोकसभा में दिए बयान में विदेश मंत्री ने बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों, उनके कारोबार और हिन्दू मंदिरों पर लगातार हो रहे हमलों पर चिंता जताई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह बयान बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हुए हिंसा के बाद, शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और ढाका से सीधा भारत पहुंचने के एक दिन बाद आया है।
बांग्लादेश में शासन से जुड़े लोगों की संपत्तियों को आग लगाई जा रही है। गंभीर चिंता की बात यह है कि अल्पसंख्यकों, उनके व्यवसायों, मंदिरों और गुरुद्वारों को निशाना बनाकर कई इलाकों में उन पर हमला किया गया है। विदेश मंत्री ने कहा कि, भारत सरकार ढाका में अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क साध रही है। हमें उम्मीद है कि, मेजबान सरकार वाहन के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के साथ-साथ बांग्लादेश में भारतीय प्रतिष्ठानों को कोई नुकसान नहीं पहुँचने देगी।
भारत-बांग्लादेश के संबंध में घनिष्ठता
एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हाल के घटनाक्रम के बारे में सदन को अवगत कराते हुए कहा कि, भारत-बांग्लादेश संबंध कई दशकों से और कई सरकारों के दौरान मजबूत हुए हैं। भारत स्थिति जल्द सामान्य होने की उम्मीद कर रहा है। विदेश मंत्री ने इसे एक संवेदनशील मुद्दा बताते हुए सदन के सदस्यों से एक महत्वपूर्ण पड़ोसी होने के नाते समर्थन की भी मांग की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि, बांग्लादेश में हाल की हिंसा और अस्थिरता के बारे में सभी राजनीतिक दलों में एक तरह की चिंताएं हैं।
उन्होंने बताया कि, जनवरी 2024 में चुनावों के बाद से बांग्लादेश की राजनीति में बहुत तनाव, गहरे मतभेद और ध्रुवीकरण को बढ़ता देखा गया है। जून महीने में शुरू हुए छात्र आंदोलन को इस अंतर्निहित आधार ने और भी संवेदनशील बना दिया है। विदेश मंत्री ने कहा कि, बांग्लादेश में सार्वजनिक इमारतों और बुनियादी ढांचे पर प्रदर्शनकारी और अराजक तत्वों द्वारा हमलों के अलावा यातायात और रेल परिचालन में अवरोधों सहित जान-लेवा हिंसा बढ़ रही थी। जो कि जुलाई तक जारी रही। इस दौरान हमने वहाँ की सरकार को बार-बार संयम बरतने की सलाह दी और आग्रह किया कि जनता से बातचीत के माध्यम से समस्याओं को सुलझाया जाए।
सभी दलों के समर्थन की सराहना
विदेश मंत्री जयशंकर ने सदन को बताया कि, 21 जुलाई को बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद भी जन आंदोलनों में कोई कमी नहीं आई। इसके बाद लिए गए कई निर्णयों और कार्रवाइयों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। सोमवार को प्रदर्शनकारी कर्फ्यू के दौरान भी ढाका में एकत्र हुए। जयशंकर ने इससे पहले संसद में एक सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए, बांग्लादेश में चल रहे घटनाक्रम के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बैठक के बाद X पर लिखा कि, " मैं सर्वसम्मत समर्थन और समझ की सराहना करता हूं।"
विदेश मंत्री ने संसद में हमारी राजनयिक उपस्थिति के बारे में कहा कि, राजधानी ढाका में उच्चायोग के अलावा, चटगांव, राजशाही, खुलना और सिलहट में सहायक उच्चायोग हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वहाँ की मौजूदा सरकार इन प्रतिष्ठानों को जरूरी सुरक्षा प्रदान करेगी।
हमारी नजरें बांग्लादेश के हालात पर
मंगलवार को सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के सवाल के जवाब में कहा कि, बांग्लादेश में बदलते घटनाक्रम पर सरकार नजर बनाए हुए है। जयशंकर ने ये भी बताया कि पाकिस्तान के एक राजनयिक ने सोशल मीडिया पर आंदोलन की तस्वीर वाली डीपी लगाई थी जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
विदेश मंत्री एस जशंयकर ने सर्वदलीय बैठक में आगे बताया कि, "हम बांग्लादेश के हालात पर पूरी नजर बनाए हुए है। अभी बांग्लादेश में 12000 से 13000 भारतीय हैं।" हालांकि, देश में स्थिति इतनी भयावह नहीं है कि अपने नागरिकों को वहां से निकालना पड़े। सरकार ने बताया कि, "कुल 20,000 लोग फंसे हुए थे। इनमें से 8,000 छात्र वापस भारत आ गए है।"