जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यानी सोमवार को किश्तवाड़ जिले की पद्देर-नागसेनी क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित किया. अमित शाह ने जनसभा में हुंकार भरते हुए कहा हमने विभाजन के दिन देखें, 1990 में आतंकवाद के दिन देखें. चंद्रिका शर्मा हों या परिहार बंधु हों. सभी ने कुर्बानियां दीं. मैं आज इस क्षेत्र सहित जम्मू-कश्मीर की जनता से वादा करता हूं कि हम आतंकवाद को इतना नीचे दफन करेंगे कि कभी बाहर नहीं आ पाएगा. साथ ही कहा आतंकवाद को पाताल में दफन करेंगे.
अमित शाह ने जनसभा में कहा एनसी और कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंक कायम करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, मोदी सरकार के तहत, भारत में आतंकवाद के लिए न तो कोई जगह है और न ही कभी होगी.
एनसी और कांग्रेस दावा कर रहे हैं कि अगर वे सरकार बनाते हैं तो अनुच्छेद 370 वापस लाएंगे. मैं आपको बता दूं, अगर धारा 370 वापस लाई गई तो इससे गुज्जरों और पहाड़ियों को मिलने वाला आरक्षण खत्म हो जाएगा. मोदी जी ने जो धारा-370 हटाई, वो अब इतिहास का पन्ना हो गई है. भारत के संविधान में अब धारा-370 के लिए कोई जगह नहीं रह गई है.
जम्मू कश्मीर में अब दो विधान, दो प्रधान और दो झंडे कभी नहीं हो सकते हैं. झंडा सिर्फ हमारा प्यारा तिरंगा होगा. जम्मू-कश्मीर का ये चुनाव स्पष्ट रूप से दो ताकतों के बीच है. एक ओर नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस है और दूसरी ओर भाजपा है.
नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस कहती है कि अगर हमारी सरकार बनी तो धारा-370 को वापस लाएंगे. पहाड़ियों और गुर्जर भाइयों को जो आज आरक्षण मिला है, वो धारा-370 के रहते नहीं मिल सकता था.
नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन हमेशा से आतंकवाद का पोषक रहा है. जब-जब घाटी में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस की सरकार आई, तब-तब यहां आतंकवाद को बढ़ावा मिला है.
याद कीजिए 90 के दशक को... मैं फारूक अब्दुल्ला से पूछना चाहता हूं कि आप यहां के मुख्यमंत्री थे, राजीव गांधी के साथ समझौता करके चुन कर आए. जब हमारी घाटी खून से लथपथ हो गईं तो आप कहां थे. फारूक जी कहते थे कि मोदी जी 10 बार प्रधानमंत्री बन जाएं, तब भी धारा -370 नहीं हटा सकते.
महबूबा जी कहती थीं कि धारा-370 हटी तो खून की नदियां बह जाएंगी. लेकिन हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने धारा-370 हटाकर देश में एक निशान, एक प्रधान और एक संविधान प्रस्थापित किया.
मैं यहां कहने आया हूं, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित प्रेमनाथ डोगरा के नेतृत्व में प्रजा परिषद और भारतीय जनसंघ ने जब आंदोलन किया कि एक देश में 'दो निशान, दो विधान और दो प्रधान' नहीं होंगे. तब नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने आंदोलन को कुचला. ये कहते थे, आसमान से चांद सितारे आ जाएं तब भी धारा-370 नहीं हटेगी.
मोदी जी ने जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूत किया. मैं पूछना चाहता हूं फारूक अब्दुल्ला से कि आपकी तीन पुश्तों ने राज किया, लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कभी मिला था? मोदी जी ने घाटी से लेकर मैदान तक, सभी को 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त दिया.