भैया दूज के मौके पर रविवार को केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इस साल धाम में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या ने 16 लाख का आंकड़ा पार कर लिया है। पिछले 6 दिनों में 99 हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे हैं।
भक्तों की भीड़ और पर्यटन को बढ़ावा
पिछले तीन हफ्तों से हर दिन 13,000 से 20,000 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इस संख्या में बढ़ोतरी से तीर्थाटन और पर्यटन को काफी प्रोत्साहन मिला है, और यात्रा से जुड़े व्यापारियों को भी लाभ हो रहा है।
10 मई को खुले थे कपाट
इस साल 10 मई को केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। शुरुआत से ही भक्तों का भारी जमावड़ा देखने को मिला। पहले दो महीनों में यात्रियों की संख्या में खासा इजाफा देखने को मिला, हालांकि जुलाई से इसमें गिरावट आई। 31 जुलाई को आई आपदा के कारण केदारनाथ का पैदल मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे यात्रा को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा।
आपदा के बाद यात्रा बहाली के प्रयास
आपदा के बाद प्रशासन ने धाम और पैदल मार्ग पर फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयास किए। लगभग 15 दिनों के कठिन परिश्रम के बाद पैदल मार्ग को आवाजाही के लिए पुनः खोल दिया गया, हालांकि जोखिम बना रहा। इसके बाद श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आई, और बहुत कम श्रद्धालु वहां पहुंचे।
31 अक्टूबर तक 16 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे
सितंबर के अंत के बाद से तीर्थयात्रियों की संख्या में फिर से वृद्धि हुई। पिछले तीन हफ्तों में प्रतिदिन 13,000 से 20,000 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। 31 अक्टूबर तक 16,02,144 श्रद्धालु इस साल केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। हेली सेवा के जरिए लगभग 1.26 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए हैं, जिससे मंदिर समिति के साथ पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों को भी अच्छी आमदनी हुई है।