छठ पूजा को लोक आस्था का महापर्व कहा जाता है। छठ पूजा, जिसे विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाई जाती है, सूर्य देव और छठी माता की आराधना का पर्व है। यह पर्व चार दिन तक चलता है और इसमें श्रद्धालु न केवल सूर्य देवता की पूजा करते हैं, बल्कि अपर्णा या छठी माता की भी आराधना करते हैं। 2024 में यह पर्व 5 नवंबर 2024 से शुरू होगा, जो शुक्रवार 8 नवंबर 2024 को समाप्त होगा। लेकिन छठ महाव्रत तब तक अधूरा है जब तक इससे जुड़ी कथा नहीं सुनी या पढ़ी नहीं जाती। ऐसे में आइए जानते हैं छठ पूजा की कथा के बारे में...
पौराणिक कथा
छठ पूजा का पौराणिक महत्व बहुत गहरा है। मान्यता है कि यह पर्व भगवान सूर्य और उनकी पत्नी प्रथा की आराधना के लिए मनाया जाता है। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, जब महाराज श्रेयांस ने अपनी पत्नी के गर्भवती होने की ख़ुशी मनाई, तब उनकी पत्नी ने भगवान सूर्य से प्रार्थना की कि उनके पुत्र में बुद्धिमत्ता और शक्ति हो। भगवान सूर्य ने उन्हें छठी माता के माध्यम से आशीर्वाद दिया।
कहा जाता है कि जब एक बार इंद्रदेव ने गर्व से अपने बल का प्रदर्शन किया, तो सूर्य देव ने इसे चुनौती दी। इससे नाराज होकर इंद्र ने सूखे की स्थिति उत्पन्न कर दी। इससे परेशान होकर देवताओं ने छठी माता से मदद मांगी। छठी माता ने न केवल इंद्र का गर्व चूर किया, बल्कि पृथ्वी पर बारिश लाने में भी मदद की। इस घटना के बाद से छठ पूजा का आयोजन शुरू हुआ।
कार्तिक छठ पूजा 2024 कब है?
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के साथ छठ पूजा शुरू हो जाती है। वहीं, षष्ठी तिथि को शाम के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 7 नवंबर को रात 12 बजकर 41 मिनट से शुरू हो रही है, जो 8 नवंबर को रात 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, छठ पूजा 7 नवंबर को मनाई जाएगी।