प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार यानी 21 दिसंबर को दो दिवसीय कुवैत दौरे पर है। जहां पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री को अरबी भाषा में अनुवादित रामायण और महाभारत की पुस्तकें भेंट की गईं। इसके साथ ही पीएम मोदी ने महाभारत और रामायण को अरबी भाषा में ट्रांसलेट करने वाले शख्स से मुलाकात भी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों से मुलाकात के बाद उनकी सराहना की और इसके साथ ही उनकी इस पुस्तक पर उन्होंने अपना हस्ताक्षर भी किए है।
महाभारत और रामायण को अरबी भाषा में ट्रांसलेट करने वाले शख्स से मिले PM मोदी
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत में अब्दुल्ला अल बरून और अब्दुल लतीफ अल नेसेफ से मुलाकात की है। इन दोनों ने रामायण और महाभारत को अरबी में अनुवादित किया और प्रकाशित किया है। पीएम मोदी ने इन दोनों के काम को खुब सराहा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि, इन दोनों ने बहुत अच्छा काम किया है।
रामायण और महाभारत का अरबी में अनुवाद
दरअसल, अब्दुल्ला अल बरून ने रामायण और महाभारत दोनों को अरबी में अनुवादित किया है। जबकि अब्दुल लतीफ अल नेसेफ ने इन पुस्तकों के अरबी संस्करण प्रकाशित किए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने "मन की बात" कार्यक्रम में भी इन दोनों के काम का उल्लेख भी किया था। वहीं, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद पुस्तक के प्रकाशक अब्दुललतीफ अलनेसेफ कहा, “मैं बहुत खुश हूं, यह मेरे लिए सम्मान की बात है. पीएम मोदी इससे बहुत खुश है. ये किताबें बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों पुस्तकों पर हस्ताक्षर किए हैं. यह उनके जीवन के लिए बहुत बड़ा क्षण हैं, जो सदैव उनके साथ रहेंगे।"
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत पहुंचने के बाद अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट शेयर किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि, "कुवैत में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है, और इससे निस्संदेह विभिन्न क्षेत्रों में भारत-कुवैत मित्रता मजबूत होगी। मैं आज और कल के लिए निर्धारित कार्यक्रमों की प्रतीक्षा कर रहा हूं।"
43 साल बाद कुवैत दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी
कुवैत में भारतीय राजदूत आदर्श स्वैका ने मीडिया को बताया, "माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से तीन महत्वपूर्ण तथ्यों के संदर्भ में: यह 43 वर्षों में कुवैत की पहली यात्रा है, एकमात्र खाड़ी देश जहां प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक यात्रा नहीं की है और एक दशक में यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है। यह यात्रा बहुत खास बनाती है।"