बिहार के किशनगंज जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने सीबीएसई से जुड़े निजी स्कूलों में उर्दू भाषा की पढ़ाई अनिवार्य करने का आदेश जारी किया था। यह आदेश 30 दिसंबर 2024 को दिया गया था, लेकिन अब इस आदेश को वापस ले लिया गया है। सुदर्शन न्यूज़ की खबर के बाद ही डीईओ नासिर हुसैन ने इस निर्णय को बदलते हुए CBSE के दिशा-निर्देशों के अनुसार स्कूलों के संचालन का निर्देश दिया है।
BJP और निजी स्कूलों ने उठाए थे सवाल
इस आदेश को लेकर स्थानीय निजी स्कूलों और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आपत्ति जताई थी। सुदर्शन न्यूज़ ने भी इस आदेश के बाद प्रमुखता से इस खबर की जानकारी दी। डीईओ नासिर हुसैन ने यह बयान दिया था कि यह कदम जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक के आधार पर उठाया गया था, जिसके माध्यम से सीबीएसई स्कूलों में उर्दू की पढ़ाई को अनिवार्य किया गया था।
CBSE के दिशा-निर्देशों का पालन जरूरी
मीडिया में आने और विरोध के बाद बैकफुट पर आते हुए DEO नासिर हुसैन ने बुधवार को एक पत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने पहले के आदेश को रद्द करने की सूचना दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी निजी स्कूल अब सीबीएसई बोर्ड के द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार ही संचालित होंगे। यानी उर्दू पढ़ाई अब जिले के स्कूलों में अनिवार्य नहीं होगा।