पाकिस्तान के कई कैदी भारत की विभिन्न जेलों में बंद हैं, जो अलग-अलग मामलों में सजा काट रहे हैं। इनमें से कुछ कैदी तो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं, कुछ के केस अदालत में चल रहे हैं और कुछ को सजा भी दी जा चुकी है।
इन्हीं कैदियों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है।
यह याचिका पंजाब के फगवाड़ा से वकील नितिन मिट्टू द्वारा दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि भारतीय जेलों में बंद 337 पाकिस्तानी कैदियों में से 103 ऐसे कैदी हैं, जिनकी सजा या तो पूरी हो चुकी है या उन्हें बरी कर दिया गया है, लेकिन वे अब भी भारतीय जेलों में बंद हैं। याचिका में इन कैदियों की रिहाई के लिए केंद्र सरकार से निर्देश देने की मांग की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे सुनवाई के लिए स्वीकार नहीं किया।
भारत में पाकिस्तान के ये कैदी विभिन्न आरोपों में सजा भुगत रहे हैं। इनमें से कुछ हत्या, आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं, तो कुछ घुसपैठ के दौरान पकड़े गए थे। इसके अलावा, भारत में कई ऐसे भारतीय कैदी भी हैं जो बिना किसी सजा या अपराध के पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं और उन्हें वहां अमानवीय यातनाओं का सामना करना पड़ रहा है।