प्रयागराज, जहां त्रिवेणी संगम का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत होता है, वहां महाकुंभ 2025 का दूसरा शाही स्नान यानी अमृत स्नान कल 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर होगा। इस विशेष दिन पर लाखों श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे और संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। इसके मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और भी सख्त कर दिया है ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।
स्नान का समय और क्रम
मौनी अमावस्या के अमृत स्नान की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजे से होगी। पहले चरण में महानिर्वाणी अखाड़े के नागा साधु स्नान करेंगे, उसके बाद श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा भी संगम में स्नान करेगा। इसके बाद अन्य अखाड़ों के स्नान का क्रम जारी रहेगा:
-सुबह 5:50 बजे निरंजनी और आनंद अखाड़ा स्नान करेंगे।
-6:45 बजे जूना, आवाहन और पंच अग्नि अखाड़ा स्नान करेंगे।
-9:25 बजे बैरागी अखाड़ा स्नान करेगा।
-10:05 बजे दिगंबर अखाड़ा स्नान करेगा।
-11:05 बजे निर्मोही अखाड़ा स्नान करेगा।
-12 बजे पंचायती नया उदासीन अखाड़ा स्नान करेगा।
-1:05 बजे पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा स्नान करेगा।
-2:25 बजे पंचायती निर्मल अखाड़ा स्नान करेगा।
अखाड़ों का स्नान: श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण
महाकुंभ में अखाड़ों का स्नान विशेष आकर्षण का केंद्र बनता है। हर अखाड़े के साथ जुड़ी धार्मिक परंपराएं और उनकी विशिष्टता इस मौके को और भी खास बना देती हैं। इस वर्ष 144 साल बाद महाकुंभ में एक दुर्लभ शुभ संयोग बन रहा है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
प्रयागराज में बढ़ी श्रद्धालुओं की भीड़
महाकुंभ में आस्था के प्रतीक के रूप में देश-विदेश से श्रद्धालु आ रहे हैं। अब तक 13 करोड़ से अधिक लोग प्रयागराज महाकुंभ में डुबकी लगा चुके हैं। सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी गंगा में स्नान किया, वहीं योग गुरु बाबा रामदेव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस वर्ष महाकुंभ का माहौल श्रद्धा और विश्वास से भरा हुआ है, और लाखों लोग इस आध्यात्मिक अनुभव का हिस्सा बनने के लिए संगम में जुट रहे हैं।