मध्य प्रदेश में हिन्दू अनुसूचित जनजातियों के धर्मांतरण का बड़ा खेल चल रहा है, जिसे खिलाफ प्रशासन और हिंदुवादी संगठन तत्परता से काम कर रहे हैं। सोमवार (31 मार्च) को मंडला से जबलपुर पहुंची दो बसों को वापस लौटते समय हिंदूवादी संगठनों ने रोक लिया और उन्हें पुलिस थाने लेकर पहुंचे। संगठन के सदस्यों ने बताया कि इन बसों में सवार लोगों को धर्मांतरण के लिए जबलपुर चर्च लाया गया था। इस घटना के बाद रांझी थाना क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई।
रांझी थाना प्रभारी मानस द्विवेदी ने बताया कि महाराजपुर थाना क्षेत्र के मोहगांव निवासी लोग जबलपुर आए थे और भंवरताल गार्डन भी गए थे। वे चर्च भ्रमण के लिए जा रहे थे, तभी विश्व हिंदू परिषद समेत अन्य संगठनों ने बसों को रोक दिया। जैसे ही बसें रोकी गईं, चालक मौके से फरार हो गया। इसके बाद संगठनों ने बसों को थाने पहुंचा दिया।
पहले से ईसाईयत अपनाने का दावा
पुलिस पूछताछ में यात्रियों ने बताया कि उनके पूर्वज पहले ही ईसाई बन चुके हैं और वे स्वयं भी ईसाईयत का पालन करते हैं। इसके बाद पुलिस ने बस में मौजूद सभी व्यक्तियों के नाम-पते दर्ज किए और दस्तावेजों की जांच के लिए मंडला जिले के संबंधित अधिकारियों को भेज दिया। पुलिस ने आश्वासन दिया कि आगे की जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
VHP ने जताई आपत्ति
विश्व हिंदू परिषद की जिला संयोजक आरती शुक्ला ने बताया कि संगठन को शिकायत मिली थी कि मंडला से आदिवासियों को जबरपुर लाकर जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इस मामले की गहराई से जांच की जाए और सभी दस्तावेजों की बारीकी से पड़ताल की जाए। इस संबंध में संगठन ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है।
जांच के बाद होगी आगे की कार्रवाई
पुलिस प्रशासन ने कहा कि सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है और यदि कोई अनियमितता पाई जाती है, तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, सभी यात्रियों को उनके गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया है।