संभल और बहराइच के बाद अब उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में स्थित पांचोपीरन दरगाह पर लगने वाले सावनी मेले को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने विरोध जताया है। शनिवार (29 मार्च) को इन संगठनों ने सुल्तानपुर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए मुस्लिम आक्रांता सैय्यद सालार मसूद गाजी के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें इस मेले को हिंदुओं के अपमान का प्रतीक बताते हुए इसे तत्काल रोकने की मांग की गई।
सुल्तानपुर शहर में गोमती नदी के दक्षिणी तट पर स्थित पांचोपीरन दरगाह सैकड़ों साल पुरानी मानी जाती है। सरकारी अभिलेखों और जनश्रुतियों के अनुसार, इस दरगाह में मुस्लिम आक्रांता महमूद गजनवी के भांजे सैय्यद सालार मसूद गाजी के पांच सिपहसालारों की कब्रें हैं। कहा जाता है कि इन्हें तत्कालीन हिंदू शासक राजा नंदकुंवर ने पराजित कर मार गिराया था। इसके बावजूद, इस दरगाह पर हर साल सालाना उर्स और सावनी मेले का आयोजन किया जाता है।
सावनी मेले पर हिंदू संगठनों की आपत्ति
हिंदू संगठनों का दावा है कि यह मेला उस समय के हिंदू शासक पर मुस्लिम आक्रांताओं की जीत के उल्लास स्वरूप मनाया जाता है। गौरक्षा वाहिनी प्रमुख सर्वेश सिंह की अगुवाई में विश्व हिंदू महासंघ और विहिप समेत कई संगठनों ने इस आयोजन को हिंदू समाज के अपमान का प्रतीक बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया।
प्रदर्शन और प्रशासन की प्रतिक्रिया
विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'गाजी-पाजी' जैसे नारे लगाए और प्रशासन से इस आयोजन को तत्काल बंद कराने की मांग की। हिंदू संगठनों का कहना है कि वे इस तरह के आयोजनों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और भविष्य में इसके खिलाफ और कड़े कदम उठाने की योजना बना रहे हैं। प्रशासन ने ज्ञापन स्वीकार कर लिया है और मामले की समीक्षा करने का आश्वासन दिया है।