देश में लागू किए गए नए वक्फ अधिनियम के तहत अब कई संपत्तियों की वास्तविक स्थिति सामने आ रही है। इसी बीच शनिवार (12 अप्रैल 2025) को मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में इस कानून के तहत पहली बड़ी कार्यवाही हुई है, जहां सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने एक मदरसे को ढहा दिया गया।
वहीं, इस क्रम में उत्तर प्रदेश के संभल जिले में भी अब वक्फ संपत्ति को लेकर एक नई खबर सामने आई है। पहले जहां विवादित शाही जामा मस्जिद को लेकर बहस छिड़ी थी, अब जनेटा शरीफ दरगाह की जमीन को लेकर प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
इसको लेकर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दरगाह की जमीन वक्फ के अंतर्गत नहीं आती, बल्कि यह सरकारी भूमि है। इतना ही नहीं, वहां कुछ संदिग्ध गतिविधियां होने के आरोप भी सामने आए हैं।
जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश
जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। आरोप है कि दरगाह की भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है और वहां के वित्तीय लेनदेन में भी गड़बड़ियां हुई हैं। जांच का केंद्र बिंदु वर्ष 2019 से 2025 के बीच की आय और खर्च का लेखा-जोखा रहेगा।
चंदौसी के तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि दरगाह को लेकर पूर्व में भी शिकायतें प्राप्त हुई थीं। गांव के ही एक निवासी जावेद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर शिकायत की थी, जिसमें एक व्यक्ति शाहिद पर मजार की जमीन पर कब्जा करने और अन्य धार्मिक स्थलों की जमीन हड़पने का आरोप लगाया गया है। प्रशासन ने शाहिद से संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा है, ताकि उनकी विधिवत जांच की जा सके।
वक्फ रजिस्टर में नहीं दर्ज है दरगाह की जमीन
जांच में अभी तक जो सामने आया है, उसके अनुसार दरगाह की जमीन राजस्व अभिलेखों में वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज नहीं है। बल्कि यह जमीन दरगाह के नाम पर दर्ज की गई थी, जो चकबंदी के समय भी उसी रूप में दर्ज रही। हालांकि, कुछ लोग अब भी दावा कर रहे हैं कि यह वास्तव में वक्फ संपत्ति है। इसकी अंतिम स्थिति जांच के बाद ही स्पष्ट होगी कि वास्तव में जमीन पर अधिकार किसका है, और वहां की गतिविधियां किस हद तक वैध हैं।