श्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद जिला इस वक्त वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ मचे बवाल में जल रहा है। यहां वक्फ की करीब 4,500 से ज्यादा संपत्तियों पर गिद्धों की तरह कब्जा जमाया जा रहा है, जिसमें ज्यादातर कृषि भूमि है। आंकड़ा चौंकाने वाला है — लगभग एक लाख एकड़ जमीन, जिस पर प्रभावशाली लोगों ने खुलेआम कब्जा कर रखा है, और अब तक 550 संपत्तियां पूरी तरह से इन भू-माफियाओं के शिकंजे में जा चुकी हैं।
जिला जंगीपुर के तृणमूल कांग्रेस सांसद और वक्फ बोर्ड के सदस्य खलीलुर रहमान ने खुद कबूल किया है कि टीएमसी के चमचे भी इस लूट में शामिल हैं, मगर बेशर्मी से यह दावा भी ठोक दिया कि वक्फ बोर्ड और सरकार अतिक्रमण हटाने में लगे हुए हैं। लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही चीख रही है।
TMC नेता की आग उगलती धमकी- "वक्फ की तरफ देखा तो आंखें निकाल लेंगे!"
हिंसा के माहौल में टीएमसी नेता बापी हलधर ने जहर उगला, मथुरापुर की सभा में साफ-साफ कह दिया — "अगर किसी ने वक्फ संपत्ति की तरफ आंख उठाकर भी देखा तो उसकी आंखें निकाल लेंगे और हाथ-पैर तोड़ देंगे!" भाजपा और माकपा ने इस जहरीली भाषा पर कड़ा विरोध जताया, लेकिन टीएमसी नेता अपनी औकात दिखाने से बाज नहीं आए।
इंटरनेट पर भी ताला: 3 जिलों में कटा संचार
हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि प्रशासन ने मुर्शिदाबाद के साथ-साथ मालदा और बीरभूम जिलों में भी इंटरनेट बंद कर दिया है। अब तक जो बैन कुछ इलाकों तक सीमित था, उसे बढ़ाकर 15 अप्रैल रात 10 बजे तक लागू कर दिया गया है। सरकार को डर है कि वक्फ की इस लूट और हिंसा की आग सोशल मीडिया पर और भड़क न जाए।
जान बचाकर भागे 500 परिवार, BSF ने संभाली कमान
हिंसा से तंग आकर अब तक 500 परिवार मुर्शिदाबाद छोड़कर मालदा जिले में शरण लेने पर मजबूर हो चुके हैं। इन परिवारों ने एक स्कूल में राहत कैंप में सिर छुपाया है। वहीं, बीएसएफ को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि बांग्लादेश से घुसपैठ की एक भी साजिश कामयाब न हो सके। सीमा पर हथियारबंद निगरानी तेज कर दी गई है, क्योंकि आशंका है कि बंगाल की आग में बाहरी आतंकी भी घी डाल सकते हैं।