मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक मुस्लिम युवक ने घर वापसी की है। शेख अनवर ने मंदिर में जाकर विधि विधान से शुद्धिकरण कराकर सनातन धर्म में वापसी की और अपना नाम बदलकर राधेश्याम रख लिया। मंदिर परिसर में वैदिक रीति-रिवाज से शुद्धिकरण प्रक्रिया पूरी की। ये मामला सोमवार (14 अप्रैल) का है।
ये मामला महादेवगढ़ का है। राधेश्याम ने बताया कि वे लंबे समय से सनातन धर्म की परंपराओं और संस्कृति से प्रभावित थे। उन्होंने महादेवगढ़ के संचालक अशोक पालीवाल से संपर्क कर धर्म वापसी की इच्छा जताई थी। इसके बाद पंडितों की मौजूदगी में उनका मुंडन, गंगाजल से स्नान और वैदिक विधियों से शुद्धिकरण कराकर धर्म में विधिवत प्रवेश कराया गया। इस अवसर पर विशेष महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें भगवान शंकर के जयकारों के साथ उपस्थित लोगों ने राधेश्याम का स्वागत किया।
राधेश्याम ने बताया कि सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा, विशेषकर देवियों की आराधना ने उनके जीवन को गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि "हिंदू धर्म में दुर्गा, लक्ष्मी, काली और सरस्वती जैसी देवियों की पूजा की जाती है, यहां तक कि नदियों को भी मां का दर्जा दिया गया है। यह बात मेरे दिल को छू गई।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें हमेशा से लगता था कि सनातन धर्म में महिलाओं को विशेष सम्मान और स्थान प्राप्त है।
राधेश्याम ने यह भी साझा किया कि उनका विवाह 23 साल पहले लक्ष्मी नाम की एक हिंदू युवती से हुआ था। हालांकि वे तब मुस्लिम में थे, लेकिन दोनों ने मिलकर सुखी वैवाहिक जीवन जिया। उन्होंने कहा, "मेरी पत्नी के सनातन धर्म के प्रति प्रेम और सम्मान ने मुझे भी इस ओर प्रेरित किया।"
महादेवगढ़ के संरक्षक अशोक पालीवाल ने जानकारी दी कि अब तक उनके माध्यम से आधा दर्जन से अधिक लोगों की घर वापसी कराई जा चुकी है। इनमें इमरान अब ईश्वर, आदिल अब आदित्य और मुस्तफा अब मारुति नंदन के रूप में नए जीवन की शुरुआत कर चुके हैं। फिरोज नाम के एक युवक ने भी अब राहुल नाम से अपना जीवन आगे बढ़ाया है। पालीवाल ने कहा कि जो भी व्यक्ति सुरक्षित और श्रद्धा से सनातन धर्म में वापसी करना चाहता है, महादेवगढ़ के द्वार उसके लिए हमेशा खुले हैं।