वसंत पंचमी के अमृत स्नान के अवसर पर मौनी अमावस्या जैसी कोई चूक न हो, इसके लिए प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पिछली बार मुख्य स्नान पर्व के दौरान हुई भगदड़ ने महाकुंभ की छवि को प्रभावित किया था, इसलिए पुलिस अधिकारियों ने अपनी तैयारियों की पुनः समीक्षा की और आवश्यक बदलाव किए।
भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष रणनीतियां
इस बार श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र में किसी को भी ज्यादा देर तक रुकने की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्नान घाटों को लगातार खाली कराया जाएगा। इसके लिए बैरिकेडिंग, साइनेज और पुलिस बल को बढ़ाने जैसे कई उपाय किए गए हैं। प्रशासन का उद्देश्य है कि श्रद्धालु सुरक्षित तरीके से स्नान करें और जल्द से जल्द अपने गंतव्य तक पहुंचें।
सुरक्षा व्यवस्था में सुधार
महाकुंभ पुलिस और प्रयागराज कमिश्नरेट के पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ रेंज और जोन के पुलिस बलों के बीच समन्वय बढ़ाया गया है, ताकि भीड़ और यातायात प्रबंधन में कोई कमी न रहे। इसके अतिरिक्त, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से सीसीटीवी के माध्यम से निरंतर निगरानी की जाएगी, और आवश्यकतानुसार तुरंत व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। सुरक्षा कर्मियों को भी ब्रीफ किया गया है, ताकि किसी भी असहज स्थिति से निपटा जा सके।
चूक की पुनरावृत्ति से बचने की कोशिश
पिछले साल मौनी अमावस्या पर हुई चूक को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं। उस समय श्रद्धालुओं की भीड़ का रास्ते से लेकर संगम तट तक सही तरीके से प्रबंधन नहीं हो पाया था। कई स्थानों पर बैरिकेडिंग टूटी और पर्याप्त साइनेज की कमी रही।
नई व्यवस्थाओं का विवरण
-श्रद्धालुओं के लिए एकल मार्ग निर्धारित किया गया है, जिसका पालन सख्ती से कराया जा रहा है।
-एक दिन पहले ही मेला क्षेत्र में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को स्नान कराकर वापस भेजने की योजना बनाई गई है।
-संगम तट पर पांच स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाई जाएगी ताकि भीड़ नियंत्रित रहे।
-प्रवेश मार्गों पर पैरामिलिट्री फोर्स और ट्रैफिक पुलिस के अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं।
-हैंड लाउडर के माध्यम से श्रद्धालुओं को सुविधाओं और मार्ग के बारे में लगातार सूचना दी जाएगी।
इन सभी उपायों के साथ प्रशासन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वसंत पंचमी के मौके पर कोई अप्रिय घटना न घटे और श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के स्नान कर सकें।