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पीएम मोदी के टीबी मुक्त अभियान में स्वास्थ्य विभाग लखनऊ नगर निगम के साथ मिलकर देगा रफ्तार

महापौर ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत अभियान को जल्द से जल्द पूरा करना है जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी इस बीमारी से मुक्त हो सके।

Rajat Mishra
  • Jan 17 2025 8:44PM

इनपुट- श्वेता सिंह, लखनऊ, twitter- @shwetamedia207

 
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीबी मुक्त अभियान को जन-जन तक पहुंचाने और योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर विचार-विमर्श के उद्देश्य से आज नगर निगम सभागार, लालबाग में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी की अध्यक्षता महापौर सुषमा खर्कवाल ने की।
 
गोष्ठी के प्रारंभ में महापौर ने अपने संबोधन में सौर ऊर्जा के महत्व और इसके पर्यावरणीय लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना न केवल बिजली की खपत कम करेगी, बल्कि इसे अपनाने से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने टीबी को लेकर लोगों को जागरूकता फैलाने के लिए अहम कदम बताया। महापौर ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत अभियान को जल्द से जल्द पूरा करना है जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी इस बीमारी से मुक्त हो सके। 
 
कार्यक्रम में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने योजना को लागू करने में नगर निगम की भूमिका और नागरिकों के सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लखनऊ को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को मिलकर काम करना होगा। टीबी मुक्त अभियान को नगर निगम हर वार्ड मोहल्ले में लेकर जाएगा। इसके लिए पार्षदों के साथ मिलकर हम टीबी मुक्त अभियान को तेजी से फैलाएंगे। 
 
टीबी को लेकर लगाएंगे वार्ड में जागरूकता कैंप-
 
सीएमओ लखनऊ डॉ. एन.बी. सिंह ने कहा कि क्षय रोग एक संक्रामक बीमारी है। इससे प्रति वर्ष लगभग 1.5 मिलियन लोग काल के गाल में समा जाते हैं। पूरे भारत में भी यह बीमारी एक बहुत बड़ी समस्या है। क्षय रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। टीबी रोग के प्रति लोगों में जानकारी का अभाव है। देश में टीबी के फैलने का मुख्य कारण इस बीमारी के लिए लोगों को सचेत न होना और इसे शुरूआती दौर में गंभीरता से न लेना है। टीबी किसी को भी हो सकता है, लेकिन नियमित दवा के सेवन से यह ठीक भी हो जाता है। ऐसे में शहर में लोगों को जागरूक करने के लिए हर वार्ड में माननीय पार्षदों कि मदद से स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक करने के लिए कैंप लगाएगा।
 
ये होते हैं टीबी के लक्षण-
 
केजीएमयू के रेस्पिरेट्री मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि 2 हफ्ते से ज्यादा लगातार खांसी, खांसी के साथ बलगम आ रहा हो, कभी-कभार खून भी, भूख कम लगना, लगातार वजन कम होना, शाम या रात के वक्त बुखार आना, सर्दी में भी पसीना आना, सांस उखड़ना या सांस लेते हुए सीने में दर्द होना, इनमें से कोई भी लक्षण हो सकता है और कई बार कोई लक्षण नहीं भी होता। कैंसर या ब्रॉन्काइटिस से अलग कैसे टीबी के कई लक्षण कैंसर और ब्रॉन्काइटिस के लक्षणों से भी मेल खाते हैं।

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