देश की रक्षा तैयारियों को नई ऊंचाई पर ले जाते हुए, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 'गौरव' नामक लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम (LRGB) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। 8 से 10 अप्रैल 2025 के बीच हुए इन परीक्षणों में 'गौरव' बम को भारतीय वायुसेना के Su-30 MKI फाइटर जेट से दागा गया। इस दौरान यह बम लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तक सटीक निशाना साधने में कामयाब रहा।
स्वदेशी तकनीक से विकसित, 1000 किलो वर्ग का घातक हथियार
'गौरव' बम को पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है। इसे DRDO के रिसर्च सेंटर इमारत, आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान और इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर ने मिलकर विकसित किया है। यह बम अलग-अलग वॉरहेड कॉन्फ़िगरेशन में कई स्टेशन पर इंटीग्रेट किया गया था, और परीक्षण के दौरान टारगेट लैंड आइलैंड पर लगाया गया। परीक्षण के दौरान DRDO और भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम
इस उन्नत प्रणाली को डेवलपमेंट-कम-प्रोडक्शन पार्टनर्स जैसे अदानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज, भारत फोर्ज और कई MSMEs के सहयोग से तैयार किया गया है। सैन्य एयरवर्दिनेस एवं सर्टिफिकेशन सेंटर और एयरोनॉटिकल क्वालिटी एश्योरेंस महानिदेशालय ने प्रमाणन और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
रक्षामंत्री और DRDO प्रमुख ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, भारतीय वायुसेना और निजी उद्योग जगत को इस बड़ी उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि LRGB 'गौरव' का विकास भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत में जबरदस्त इजाफा करेगा।
वहीं, रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और DRDO प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने भी DRDO टीम को इस सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।