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भविष्य के युद्धों की तैयारी, CDS जनरल अनिल चौहान की पहल को नई दिशा

नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ केंद्र में 21 अप्रैल से 09 मई 2025 तक, मुख्यालय इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के तत्वावधान में, त्रि-सेवा भविष्य युद्ध पाठ्यक्रम (Future Warfare Course) के दूसरे संस्करण का आयोजन किया जा रहा है।

Deepika Gupta
  • Apr 18 2025 7:18PM

नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ केंद्र में 21 अप्रैल से 09 मई 2025 तक, मुख्यालय इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के तत्वावधान में, त्रि-सेवा भविष्य युद्ध पाठ्यक्रम (Future Warfare Course) के दूसरे संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। सितंबर 2024 में आयोजित पहले संस्करण की सफलता के आधार पर यह तीन सप्ताह का विस्तृत कार्यक्रम, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान की उस दूरदर्शिता को आगे बढ़ाता है, जिसका उद्देश्य अधिकारियों को आधुनिक युद्ध की जटिल चुनौतियों के लिए तैयार करना है।

यह पाठ्यक्रम अपनी रैंक-निरपेक्ष (rank-agnostic) दृष्टिकोण को बरकरार रखता है, हालांकि इसमें भागीदारी पहले से अधिक विविध और व्यापक है। इसमें मेजर जनरल से लेकर मेजर रैंक तक के अधिकारी और अन्य सेवाओं के समकक्ष अधिकारी भाग ले रहे हैं, साथ ही DRDO और रक्षा उद्योग के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे, जिनमें रक्षा स्टार्टअप्स, एमएसएमई, DPSU और निजी उद्योग शामिल हैं। इस संस्करण में एक उन्नत पाठ्यक्रम शामिल है, जिसमें सैन्य अभियानों से संबंधित विशेष विषयों और डोमेन-विशिष्ट युद्ध विकास को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य यह समझ विकसित करना है कि तकनीक युद्ध शैली को कैसे प्रभावित कर रही है, जिससे हमारी सोच, अवधारणाओं, सिद्धांतों, रणनीतियों और TTPs (टैक्सटिक्स, टेक्निक्स एंड प्रोसीजर्स) पर पुनर्विचार आवश्यक हो गया है।

यह पाठ्यक्रम महत्वपूर्ण विषयों की गहराई से पड़ताल, उभरती तकनीकों के व्यावहारिक प्रदर्शन और सशस्त्र बलों की क्षमताओं से जुड़ी महत्वपूर्ण संस्थाओं के दौरे की सुविधा प्रदान करेगा।

यह कोर्स स्वदेशी रक्षा उद्योग की क्षमताओं को परिचालन प्राथमिकताओं के अनुरूप संरेखित करेगा और आधुनिक एवं भविष्य की युद्ध शैली के विभिन्न पहलुओं पर स्वतंत्र विचार-विमर्श की सुविधा देगा। इस दौरान अनुभवी पूर्व सैनिकों, सेवारत अधिकारियों, विदेश मामलों के विशेषज्ञों, उद्योग जगत के जानकारों और अकादमिक पेशेवरों जैसे विविध विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है, जिससे भारत की सुरक्षा चुनौतियों पर विस्तृत और पेशेवर तरीके से चर्चा हो सके।

इसका दूसरा संस्करण भारतीय सशस्त्र बलों को “फ्यूचर रेडी” बनाने के बड़े मिशन को आगे बढ़ाता है, जिसमें त्रि-सेवाओं के बीच एकजुटता और एकीकरण को बढ़ावा देना तथा रणनीतिक नेताओं को विकसित करना शामिल है, ताकि वे आधुनिक युद्ध के जटिल परिदृश्य में प्रभावी ढंग से दिशा-निर्देश दे सकें।


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