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Mahakumbh 2025: इन तिथियों पर होगी महाकुंभ की प्रमुख स्नान, जानें स्नान की शुभ तिथि

महाकुंभ मेला 2025 में प्रयागराज में आयोजित किया गया है।

Rashmi Singh
  • Dec 30 2024 4:42PM

महाकुंभ मेला 2025 में प्रयागराज में आयोजित किया गया है। यह मेला हिंदू धर्म के अनुसार अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। महाकुंभ में स्नान करना मोक्ष की प्राप्ति का एक प्रमुख उपाय माना जाता है।  यह मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जता है, जिससे इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है। लाखों श्रद्धालु इस धार्मिक अवसर पर स्नान करने के लिए आते हैं और यह मेला विश्वभर में सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक मेलों में से एक माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं महाकुंभ 2025 में प्रमुख स्नान की तिथियां और शाही स्नान की तिथियां।

महाकुंभ 2025 की प्रमुख स्नान तिथियां

महाकुंभ में स्नान करने के लिए कुछ विशेष तिथियां निर्धारित की गई हैं, जो इस प्रकार हैं:

प्रथम स्नान: 10 जनवरी 2025 - पौष शुक्ल एकादशी

द्वितीय स्नान: 13 जनवरी 2025 - पौष पूर्णिमा

चतुर्थ स्नान: 25 जनवरी 2025 - माघ कृष्ण एकादशी

पंचम स्नान: 27 जनवरी 2025 - माघ कृष्ण त्रयोदशी

अष्टम स्नान: 4 फरवरी 2025 - माघ शुक्ल सप्तमी (रथ सप्तमी)

नवम स्नान: 5 फरवरी 2025 - माघ शुक्ल अष्टमी (भीष्माष्टमी)

दशम स्नान: 8 फरवरी 2025 - माघ शुक्ल एकादशी (जया एकादशी)

एकादश स्नान: 10 फरवरी 2025 - माघ शुक्ल त्रयोदशी (सोम प्रदोष व्रत)

द्वादश स्नान: 12 फरवरी 2025 - माघ पूर्णिमा

त्रयोदश स्नान: 24 फरवरी 2025 - फाल्गुन कृष्ण एकादशी

चतुर्दश स्नान: 26 फरवरी 2025 - महाशिवरात्रि

शाही स्नान की प्रमुख तिथियां

महाकुंभ में शाही स्नान की तिथियां विशेष महत्व रखती हैं। ये तिथियां विशेष आयोजन और श्रद्धालुओं के लिए निर्धारित की गई हैं:

प्रथम शाही स्नान: माघ कृष्ण प्रतिपदा, मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025

द्वितीय शाही स्नान: माघ (मौनी) अमावस्या, 29 जनवरी 2025

तृतीय शाही स्नान: माघ शुक्ल पंचमी (बसंत पंचमी), 2 फरवरी 2025

महाकुंभ का महत्व और धार्मिक मान्यता

महाकुंभ में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए यह मेला लाखों श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होता है। खासकर नागा साधु पहले स्नान करते हैं। हिंदू धर्म में इसे पुण्यकारी और विशेष रूप से भगवान की कृपा प्राप्ति का अवसर माना जाता है। महाकुंभ में स्नान करने से व्यक्ति की आत्मा शुद्ध होती है और उसे जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।

महाकुंभ की विशेषता

महाकुंभ का आयोजन सूर्य, गुरु और चंद्रमा की विशिष्ट स्थितियों के आधार पर किया जाता है। यह मेला पिछले कई सौ वर्षों से निरंतर आयोजित हो रहा है, और हर बार इसका आयोजन भव्य रूप से होता है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं, जो इसे एक अद्वितीय धार्मिक आयोजन बनाते हैं।

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