हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया, एक ऐसा नाम जो अब केवल पंजाब ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था। भारत की एजेंसियों की सक्रियता और अमेरिका की कार्रवाई के चलते गुरुवार (17 अप्रैल 2025) को इस खालिस्तानी संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया।
हरप्रीत का जीवन एक सामान्य पृष्ठभूमि से शुरू हुआ। लेकिन समय के साथ वह अपराध की दुनिया में उतर गया। पहले मामूली अपराध, फिर धीरे-धीरे उसका नाम पंजाब के कुख्यात गैंगस्टरों की सूची में शामिल हो गया। चोरी, मारपीट और फिरौती जैसे मामलों से होते हुए वह हथियारों की तस्करी तक पहुंच गया।
भारतीय कानून की पकड़ से बचने के लिए हरप्रीत अमेरिका भाग गया और वहां अवैध तरीके से रहने लगा। हालांकि वह भारत में अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सक्रिय रहा। एनआईए की रिपोर्ट के अनुसार, पासिया ने अमेरिका में रहते हुए भारत में कई आतंकी साजिशों को अंजाम देने की योजना बनाई थी।
जांच एजेंसियों का दावा है कि हैप्पी पासिया पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में था। 2022 से 2024 के बीच हुए ग्रेनेड अटैक, हथियार सप्लाई और लक्षित हत्याओं में उसकी संलिप्तता की जांच हो रही है। वह न केवल निर्देश देता था बल्कि अपने गुर्गों को संसाधन भी उपलब्ध कराता था।
पासिया ने सोशल मीडिया और सुरक्षित मैसेजिंग एप्स का इस्तेमाल करके एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क खड़ा किया। उसका मकसद था भारत में अस्थिरता फैलाना और युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलना। उसके संपर्क में कई संदिग्ध थे जो भारत में सक्रिय रूप से घटनाओं को अंजाम दे रहे थे।
इस गिरफ्तारी को भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक और रणनीतिक जीत माना जा रहा है। एनआईए और पंजाब पुलिस ने प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि हैप्पी पासिया से पूछताछ के बाद कई आतंकी नेटवर्क और उनके फंडिंग स्त्रोतों का खुलासा हो सकता है।