हिंदुओं के 500 सालों के संघर्ष के बाद भगवान श्रीरामलला की नगरी अयोध्या में श्रीराम मंदिर लगभग बनकर तैयार हो गया है. वहीं 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का भव्य उद्धाटन करेंगे. भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश के ही नहीं बल्कि विदेश के सनातनियों के हृदय में भी उत्साह है. बता दें कि भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर देश और विदेश के मंदिरों में एक सप्ताह पहले से ही उत्सव मनाया जाएगा. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए हजारों लोगों को निमंत्रण भेजा गया है. लेकिन कांग्रेस ने इस निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है.
कांग्रेस पार्टी ने भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया. बता दें कि कांग्रेस द्वारा एक पत्र जारी कर यह सुचना दी गई. उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को राजनीतिक करार दिया, इसके साथ ही यह बयान दिया कि पार्टी अधूरे मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूर रहेगी.
एक्स अकाउंट से शेयर किया गया पत्र
बता दें कि कांग्रेस पार्टी के एक्स अकाउंट से कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश द्वारा पत्र जारी करके यह जानकारी दी गई. ट्वीट में लिखा था कि "अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संचार) श्री @Jairam_Ramesh जी का वक्तव्य."
शेयर किए गए पत्र में लिखा था कि "पिछले महीने, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण लिया."
पत्र में आगे लिखा था कि "भगवान राम की पूरा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं. धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है. स्पष्ट है कि एक अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है. 2019 के माननीय सर्वोच्च न्यायायल के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी एवं अधीर रंजन चौधरी बीजेपी और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं."