कश्मीर की दुर्गम कर्नाह घाटी में स्थित सीमांत गांव सिमरी, जो वर्षों तक अंधेरे में डूबा रहा, अब उम्मीद की नई किरण बनकर उभरा है। पाकिस्तान सीमा से सटा यह गांव न केवल अपनी भौगोलिक स्थिति के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां स्थित पोलिंग बूथ नंबर-1 इसे लोकतंत्र का जीवंत प्रतीक भी बनाता है।
भारतीय सेना के चिनार कॉर्प्स ने ऑपरेशन सद्भावना के तहत पुणे स्थित असीम फाउंडेशन के साथ मिलकर सिमरी को अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने का बीड़ा उठाया। अब यह गांव सिर्फ रोशन नहीं हुआ है, बल्कि आत्मनिर्भरता की राह पर भी अग्रसर हो चुका है।
गांव को दी नई पहचान: सौर ऊर्जा से रोशन सिमरी
सिमरी के चार क्लस्टरों में लगाए गए सौर माइक्रो-ग्रिड अब चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं। उच्च क्षमता वाले सोलर पैनल, इन्वर्टर और बैटरी बैंक गांव के हर घर तक रोशनी पहुंचा रहे हैं। 53 घरों में उजाला: अब गांव के 347 निवासी एलईडी बल्बों और सुरक्षित पावर सॉकेट्स का लाभ उठा रहे हैं।
धुआं रहित रसोई: नई एलपीजी कनेक्शन और डबल बर्नर चूल्हों ने लकड़ी के धुएं से मुक्ति दिला दी है, जिससे न केवल स्वच्छता बढ़ी है बल्कि पर्यावरण भी संरक्षित हो रहा है।
आत्मनिर्भरता की ओर: स्थानीय युवाओं को दी तकनीकी ट्रेनिंग
असीम फाउंडेशन के इंजीनियरों ने गांव के युवाओं को सौर ऊर्जा प्रणालियों के रखरखाव का प्रशिक्षण दिया है, ताकि भविष्य में भी यह व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे। अब सिमरी के लोग बिजली के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं, बल्कि खुद सक्षम बन चुके हैं।
वीर सैनिक को श्रद्धांजलि: कर्नल संतोष महाडिक की स्मृति में
इस परियोजना को शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित कर्नल संतोष महाडिक को समर्पित किया गया है, जिन्होंने 17 नवंबर 2015 को कुपवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। उनके साहस और कश्मीर के लोगों के प्रति उनके प्रेम को यह परियोजना सजीव श्रद्धांजलि देती है।
एक भावुक समारोह में कर्नल महाडिक की माता श्रीमती इंदिरा महाडिक, टंगधार ब्रिगेड के कमांडर और कुपवाड़ा के डिप्टी कमिश्नर के साथ मिलकर सौर ऊर्जा नेटवर्क का उद्घाटन करेंगी। यह आयोजन सेना, प्रशासन और नागरिकों की एकता का प्रतीक बनेगा।
सीमाएं चमकीं, लोकतंत्र हुआ मजबूत
आज सिमरी के घरों से जो रौशनी निकल रही है, वह सिर्फ बिजली का उजाला नहीं है- यह विश्वास, समर्पण और विकास का प्रतीक है। यह बताता है कि भारतीय सेना न केवल सरहदों की रक्षा करती है, बल्कि सीमांत इलाकों में विकास का दीपक भी जलाती है। कर्नल महाडिक की वीरगाथा हर रोशन घर, हर सुरक्षित भोजन और हर डाले गए वोट में जीवित है। सिमरी अब उम्मीदों का गांव बन चुका है, जो न केवल सीमाओं को रोशन कर रहा है, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए प्रेरणा बन गया है।