पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति निर्मित हो रही है, जहां पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान पर निरंतर हवाई हमले किए जा रहे हैं। इन हमलों के चलते दोनों देशों के बीच तनाव गहराता जा रहा है। इस बीच, तालिबान के करीब 15,000 लड़ाके पाकिस्तान की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है।
पाकिस्तानी सीमा पर बढ़ती गतिविधियां
तालिबान के लड़ाके मीर अली सीमा पर पहुंच चुके हैं, और पाकिस्तानी सेना की कुछ टुकड़ियां अफगान सीमा पर तैनात हो गई हैं। शनिवार को अफगान तालिबान ने पाकिस्तान की सीमा के पास गोलीबारी की, और तालिबान के हमले में दो पाकिस्तानी चौकियां नष्ट होने की जानकारी सामने आई है। कई पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की भी खबर है।
सीमा विवाद: अफगानिस्तान ने डूरंड रेखा को खारिज किया
इस तनाव के मुख्य कारणों में से एक अफगानिस्तान द्वारा पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की डूरंड रेखा को खारिज करना है। यह रेखा 19वीं सदी में अंग्रेजों द्वारा खींची गई थी, और तालिबान इसे दोनों देशों के बीच विभाजनकारी रेखा मानता है। तालिबान के प्रवक्ता इनायतुल्ला खोवाराजमी ने कहा कि "हम इस रेखा को पाकिस्तान का क्षेत्र नहीं मानते हैं" और सीमा के साथ लगी अफगान प्रांतों में झड़पें चल रही हैं।
पाकिस्तान-तालिबान के बीच का जटिल इतिहास
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंध हमेशा ही जटिल रहे हैं। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तालिबान के शासन की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि, अब तालिबान पाकिस्तान को अपनी बढ़ती ताकत के साथ चुनौती दे रहा है।
यह बढ़ता हुआ तनाव और सीमा विवाद न केवल दोनों देशों के रिश्तों पर असर डाल सकता है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति के लिए भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।