भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की आज पुण्यतिथि है। उनकी पुण्यतिथि के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होने एक्स पर पोस्ट शेयर कर लाल बहादुर शास्त्री को याद किया है। खड़गे ने पोस्ट में लिखा कि, “मेरी समझ से प्रशासन का मूल विचार ये है कि समाज को एकजुट रखा जाए, ताकि वो विकास कर सके और अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ सके।” ~ लाल बहादुर शास्त्री
उन्होंने आगे लिखा कि, “जय जवान, जय किसान” के प्रेरक, महान गांधीवादी, हमारे आदर्श, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर हम उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। भूमि सुधार से लेकर दुग्ध क्रांति की नींव रखने तक, रेलवे में थर्ड क्लास को ख़त्म करने से लेकर 1965 की जंग तक, अपनी सरलता एवं सादगीपूर्ण जीवन से सबके प्रेरणास्रोत बने, शास्त्री जी ने देश की उन्नति के लिए हमेशा किया।
लाल बहादुर शास्त्री: जन्म और प्रारंभिक जीवन
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। शास्त्री जी का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था और उन्होंने अपनी मेहनत और ईमानदारी से भारतीय राजनीति में एक अहम स्थान प्राप्त किया।
प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी
लाल बहादुर शास्त्री ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद 1964 में भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। शास्त्री जी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए देश की सुरक्षा, समृद्धि और राष्ट्रीय एकता के लिए कई अहम फैसले लिए। उनका कार्यकाल भारतीय राजनीति में एक मील का पत्थर माना जाता है।
महत्वपूर्ण पदों पर कार्यकाल
प्रधानमंत्री बनने से पहले शास्त्री जी ने भारत की पहली स्वतंत्र सरकार में गृह मंत्री और रेल मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया। उन्होंने गृह मंत्री के रूप में कई बड़े सुधार किए और देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत किया। रेल मंत्री के तौर पर भी उन्होंने भारतीय रेलवे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
देश के प्रति योगदान
लाल बहादुर शास्त्री को उनके नेतृत्व और दृढ़ता के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनके कार्यकाल में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 1965 की लड़ाई में सफलता हासिल की और उन्होंने 'जय जवान जय किसान' का मंत्र दिया, जिससे भारतीय किसानों और सैनिकों की अहमियत को उजागर किया। शास्त्री जी का जीवन देश की सेवा और सच्चाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।