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प्रकृति के क्रोध ने मिटा दिया 315 करोड़ की कुर्पन खड्ड परियोजना का नामोनिशान, आला अधिकारियों को दिए गए दिशा-निर्देश

19 पेयजल योजनाओं में से चार पेयजल योजना निर्माणाधीन थी. उन्होंने कहा कि अब तक 10 पेयजल योजनाओं को दोबारा शुरू कर दिया गया है.

Geeta
  • Aug 3 2024 7:59AM

प्राकृतिक आपदाओं से देश में वायनाड-हिमाचल से लेकर उत्तराखंड तक हाहाकार मचा हुआ है. एक ओर जहां केरल के वायनाड में आए भूस्खलन में 291 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. वहीं दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बादल फटने के बाद जिस तरह से भूस्खलन हुआ है, उसने सभी को डराकर रख दिया है.

 

इस साल भी हिमाचल प्रदेश में बारिश ने तबाही मचाई है. बारिश की वजह से अलग-अलग स्थान पर तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लिया. जिला शिमला की कुर्पन खड्ड परियोजना पर 315 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं और योजना का निर्माण कार्य अंतिम दौर में चल रहा था. बादल फटने से आई बाढ़ ने इस योजना के पंप हाउस, मशीनरी और टैंकों का नामोनिशान मिटा दिया है.


उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस योजना को दोबारा स्थापित करने के लिए विभाग के आला अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं. शिमला के मतियाना क्षेत्र की कुर्पन खड्ड पेय जल योजना के बूस्टर, इंटेक स्ट्रक्चर, फीडल लाइन संपवेल, पम्प हाउस, पंपिंग मशीनरी और पाइपों के टूटने और बह जाने से जल शक्ति विभाग को 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. रायपुर में भी जल शक्ति विभाग को 7 करोड़ 50 लाख रुपये 19 पेय जल योजनाओं और एक सीवरेज की लाइन को भी नुकसान हुआ है.


उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 पेयजल योजनाओं में से चार पेयजल योजना निर्माणाधीन थी. उन्होंने कहा कि अब तक 10 पेयजल योजनाओं को दोबारा शुरू कर दिया गया है. अन्य पांच योजनाओं को आज शाम तक शुरू करने के प्रयास किए जा रहे है. मरीज और उनके तीमारदारों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रामपुर अस्पताल में पानी की सप्लाई को पिछले कल ही बहाल कर दिया गया था.


बता दें कि वायनाड में भूस्खलन की चपेट में आकर 291 लोगों की मौत हुई है. 200 से ज्यादा लोगों के लापता होने की जानकारी है. मौसम विभाग ने बताया है कि केरल में पांच अगस्त तक भारी बारिश होने वाली है. वहीं केरल के राजस्व मंत्री के. राजन ने जानकारी दी कि मृतकों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं.


उन्होंने बताया कि 225 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकतर मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित इलाकों से हैं. मंत्री का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी ज्यादा परेशानी भी देखने को मिल रही है


उत्तराखंड के सोनप्रयाग में बीते दिन सुबह-सुबह उसी स्थान पर भारी भूस्खलन हुआ, जहां पर हाईवे पूरी तरह से बह रखा है. कुछ देर के लिए रेस्क्यू कार्य रोका गया.


वहीं बीते बुधवार शाम से बारिश और भूस्खलन के बीच 14 लोगों के मरने की खबर आई है. वहीं दिल्ली में भी बारिश से जलजमाव का सामना करना पड़ा है. भारी बारिश और उसकी वजह से आ रही आपदाओं ने इम्तेहान लेना शुरू कर दिया है. 

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