उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में सरकारी ज़मीन पर बनी मस्जिद को लेकर प्रशासन की सख्ती बढ़ गई है। मस्जिद से जुड़ा सामान अब बाहर निकाला जा रहा है, जिससे संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही प्रशासनिक कार्रवाई देखने को मिल सकती है।
प्रशासन ने मस्जिद कमेटी को 8 अप्रैल 2025 तक का अल्टीमेटम दिया था कि वे स्वयं मस्जिद हटाएँ, वरना बुलडोजर से ढहाने की कार्रवाई की जाएगी। निर्धारित समय सीमा गुजरने के बाद अब मस्जिद कमेटी ने स्वयं ही मस्जिद खाली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दो दशक पुरानी है ये इमारत
गौरतलब है कि लगभग 20 साल पहले गढ़हिया चक चिंतामणि गांव, जो कि तमकुही तहसील के अंतर्गत आता है, वहाँ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सार्वजनिक रास्ते पर इस मस्जिद का निर्माण करवाया था। उस समय गांव के अधिकतर लोग इस तथ्य से अनजान थे कि यह ज़मीन सरकारी संपत्ति है और सार्वजनिक रास्ते के रूप में चिह्नित है।
एक ग्रामीण की कोशिश लाई रंग
गांव के निवासी अरविंद किशोर शाही ने इस मामले को कई बार प्रशासन के सामने उठाया, लेकिन लंबे समय तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई। आखिरकार उन्होंने तहसीलदार कोर्ट में वाद दाखिल कर इस अवैध निर्माण को हटाने की मांग की। कोर्ट ने 27 जनवरी 2025 को बेदखली का आदेश जारी कर दिया।
अब तेजी से खाली कराई जा रही ज़मीन
प्रशासन ने मस्जिद कमेटी को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि 8 अप्रैल तक ज़मीन को खाली कर दिया जाए, वरना प्रशासनिक बल के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी। अब कमेटी के सदस्य खुद मस्जिद में रखे लाउडस्पीकर, फर्नीचर और अन्य सामग्रियों को ट्रैक्टर-ट्रॉली में लादकर बाहर ले जा रहे हैं।
पूरे इलाके में पुलिस बल तैनात है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। अरविंद किशोर शाही ने प्रशासन की कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि अब गांव की सार्वजनिक भूमि आम नागरिकों के लिए उपलब्ध हो सकेगी।