हरियाणा के फरीदाबाद में एक बार फिर तथाकथित 'सांस्कृतिक विविधता' के नाम पर मजहबी टकराव का विस्फोट होते-होते बचा। मामूली दिखने वाली एक घटना ने शहर के एयरफोर्स रोड को तनाव के केंद्र में ला खड़ा किया। मुस्लिम समुदाय की शादी से जूठी प्लेट और मांस के टुकड़ों को हिन्दू समुदाय के कार्यक्रम स्थल के पास फेंका गया है। घटना सोमवार (21 अप्रैल 2025) रात की है।
फरीदाबाद के कपड़ा कॉलोनी की एक हिन्दू लड़की की शादी सैफी गार्डन में चल रही थी, वहीं दीवार के उस पार नफीसा गार्डन में एक मुस्लिम युवक का रिसेप्शन आयोजित किया गया था। सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन अचानक कुछ 'अतिथि' नफीसा गार्डन से निकलकर सैफी गार्डन की ओर बढ़े और वहां चल रहे वैष्णव भोज के पास जूठी प्लेटें और नॉनवेज फेंकने लगे।
यह हरकत वहां मौजूद हिन्दू समुदाय के लोगों को नागवार गुज़री। जब दुल्हन का भाई आपत्ति जताने गया, तो उसे न सिर्फ गालियां दी गईं, बल्कि उस पर हमला भी कर दिया गया। घायल युवक को अस्पताल पहुंचाना पड़ा। मामला यहीं नहीं थमा- दोनों समुदायों के बीच तनाव तेजी से फैलने लगा।
स्थानीय धार्मिक संगठन को जैसे ही जानकारी मिली, उनके कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। स्थिति बिगड़ती इससे पहले ही पुलिस हरकत में आ गई। सारन, पवर्तीया कॉलोनी और उबुआ थाना पुलिस की टीमों ने भारी संख्या में मौके पर पहुंचकर हालात को काबू में लिया।
पुलिस ने दोनों कार्यक्रम शांतिपूर्वक निपटवा दिए, लेकिन सवाल अब ये है- क्या ये सिर्फ एक 'गलती' थी या सुनियोजित मजहबी उकसावे की साज़िश? सारन थाना प्रभारी रण सिंह के मुताबिक, फिलहाल किसी पक्ष ने औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन पुलिस सतर्क है और जांच जारी है।
क्या फरीदाबाद जैसी जगहों पर भी अब शादी-विवाह के नाम पर मजहबी मनमानी चलने लगी है? क्या ये घटनाएं हिन्दू समाज को डराने और उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने का तरीका बनती जा रही हैं? अब समय है कि समाज एकजुट होकर ऐसे उकसावों का जवाब दे- कानूनी तरीके से, लेकिन पूरी ताकत के साथ।